Khushboo Sharma
भगवान शिव की पूजा
देव दीपावली का संबंध भगवान शिव से है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इसी कारण यह दिन विशेष महत्व रखता है
देवताओं का पृथ्वी पर आगमन
माना जाता है कि इस दिन देवता पृथ्वी पर उतरते हैं और उनकी उपस्थिति से धरती पर सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है
काशी में विशेष पूजा
काशी (वाराणसी) में देव दीपावली का महत्व बहुत अधिक है। यहां गंगा नदी के किनारे दीप जलाए जाते हैं और विशेष रूप से काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना होती है
दीपों से वातावरण रोशन करना
देव दीपावली के दिन हजारों दीपकों से पूरे वातावरण को रोशन किया जाता है, जो एक अद्भुत दृश्य उत्पन्न करता है
दीपों से बुराई का नाश
देव दीपावली का संदेश होता है कि दीपों से अंधकार को दूर किया जाए, जिससे बुराई का नाश और अच्छाई का वास हो
राक्षसों पर विजय
देव दीपावली का एक अन्य कारण यह है कि इसे त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की विजय के रूप में मनाया जाता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है
दिव्य आशीर्वाद का दिन
यह दिन देवी-देवताओं के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शुभ मानी जाती है। भक्त इस दिन भगवान से सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करते हैं
धार्मिक एवं सामाजिक समृद्धि
देव दीपावली का पर्व धार्मिक और सामाजिक समृद्धि का प्रतीक है। यह दिन समाज में प्रेम, सौहार्द और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देता है
तुलसी विवाह
देव दीपावली के दिन तुलसी विवाह का आयोजन भी होता है, जो विशेष रूप से उत्तर भारत में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। इसे शुभ और धार्मिक कार्यों का प्रारंभ माना जाता है
इस प्रकार, देव दीपावली एक पवित्र दिन है जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी समृद्धि का प्रतीक है