Khushboo Sharma
माता लक्ष्मी की कृपा
दीपावली में दीये जलाने की परंपरा है, जिससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है
लंका पर विजय
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन प्रभु राम ने लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे, और अयोध्यावासियों ने दीप माला जलाकर उनका स्वागत किया था
अंधकार का नाश
दीपावली का पर्व अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, इसलिए दीप जलाकर अंधकार को दूर किया जाता है
दीयों का उपयोग
इस दिन एक घी का दीपक और बाकी तेल के दीपक जलाने की परंपरा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिवाली के बाद इन दीयों का क्या करना चाहिए?
क्या न करें
मान्यता है कि दीपावली के बाद अगले दिन दीयों को नदी में प्रवाहित नहीं करना चाहिए और न ही किसी कूड़े में फेंकना चाहिए
गोवर्धन पूजा के लिए सुरक्षित रखें
गोवर्धन पूजा तक दीयों को घर पर संभालकर रखना चाहिए, क्योंकि इस पूजा में भी दीप जलाए जाते हैं
नदी में प्रवाहित करना
गोवर्धन पूजा के बाद दीयों को किसी नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए
फल की प्राप्ति
चूंकि दीये मिट्टी के होते हैं, इसलिए मिट्टी की वस्तुओं को नदी में प्रवाहित करने से सकारात्मक फल की प्राप्ति होती है
यहां रखें
कुछ दीयों को पूजा घर, तिजोरी या किसी ऐसे स्थान पर, जहां उन्हें नुकसान न पहुंचे, छुपाकर रखना चाहिए
नोट
यह जानकारी मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और विभिन्न स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें
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