सावन के महीने में कांवड़ यात्रा की शुरुआत होती है। इस दौरान शिव के भक्तों में एक अलग ही जोश देखने को मिलता है।
जो व्यक्ति कांवड़ लेकर जाता है, उसे कांवड़ियां कहा जाता है। कांवड़ यात्रा का उद्देश्य हरिद्वार से गंगाजल लाकर शिव मंदिरों में जलाभिषेक करना होता है।
आज हम आपको बताएंगे कि कावड़ यात्रा के दौरान कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए। आइए इन गलतियों के बारे में जानें।
कांवड़ स्नान करने से पहले न छुएं। ऐसा करने से यह अपवित्र हो सकता है। इस बात का खासतौर से ख्याल रखें।
सावन के महीने में तामसिक भोजन करने की मनाही की जाती है। ऐसे में कांवड़ यात्रा के दौरान इस तरह के भोजन और मदिरा से बचें।
कांवड़ यात्रा के दौरान अपने मन में दूसरों के लिए गलत विचार न रखें। हमेशा शुद्ध विचार और स्वच्छ मन से कांवड़ लेकर जाएं।
कांवड़ को भूल से भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए। इससे शिव जी का अपमान होता है। अगर आपको विश्राम या शौच आदि कार्य के लिए रुकना पड़े, तो कांवड़ को ऊंचे स्थान पर रखें।