बिना बुलाए न जाए किसी के घर, नहीं तो...

Ritika Jangid

अगर आप किसी रिश्तेदार या दोस्त के घर बार-बार बिना बुलाए जाते हैं तो चाणक्य की कुछ बातों को जान लीजिए

चाणक्य के अनुसार अगर आप किसी के घर बिना बताए जाते हैं तो इससे आपका अपमान हो सकता है, क्योंकि इससे सामने वाला आपको फिजूल समझ सकता है

साथ ही सामने वाले को लगता है कि आपको उनके समय की वैल्यू नहीं है, वहीं दूसरे के घर जाने से व्यक्ति की स्वतंत्रता भी खत्म हो जाती है

ऐसे में लोगों को अपना जरूरी काम छोड़कर आपको समय देना पड़ता है और बार बार किसी के घर बिना बुलाए जाने से सम्मान खत्म होता है

ऐसे लोग आपका सम्मान नहीं करते हैं और जहां सम्मान नहीं वहां रहने का कोई मतलब नहीं, इसलिए किसी के घर काम से ही जाए और जाने से पहले उससे पूछ लें

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