Khushi Srivastava
गुरुद्वारा बंगला साहिब
गुरुद्वारा बंगला साहिब 1783 में सरदार भगेल सिंह द्वारा बनवाया गया था। पहले जयपुर के महाराजा जय सिंह का बंगला था, और यहां गुरु हर किशन जी रहे थे। यह दिल्ली का प्रमुख धार्मिक स्थल है
गुरुद्वारा शीशगंज साहिब
गुरुद्वारा शीशगंज साहिब 1783 में बघेल सिंह द्वारा बनवाया गया था। यह गुरु तेग बहादुर जी की शहादत का स्थल है, जहां उन्हें औरंगजेब के आदेश पर 1675 में शहीद किया गया था
गुरुद्वारा माता सुंदरी
गुरु गोबिंद सिंह जी की पत्नी, माता सुंदरी का समाधि स्थल। 1747 में यहीं उनकी मृत्यु हुई थी और उनका अंतिम संस्कार गुरुद्वारा बाला साहिब में हुआ था
गुरुद्वारा बाला साहिब
यह गुरुद्वारा माता सुंदरी और गुरु हर किशन जी का क्रीमेशन ग्राउंड है। गुरु हर किशन जी ने दिल्ली के हैजा का इलाज किया था
गुरुद्वारा मोती बाग
गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1707 में दिल्ली आने पर यहां रुका था। यहीं से उन्होंने मुग़ल सम्राट के बेटे के खिलाफ दो तीर चलाए थे
गुरुद्वारा दमदमा साहिब
गुरु गोबिंद सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने वाला यह गुरुद्वारा हुमायूं के मकबरे के पास स्थित है और 1783 में बघेल सिंह द्वारा निर्मित हुआ था
गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब
गुरु तेग बहादुर जी की शहादत का स्थल, जहां उनके शरीर का अंतिम संस्कार हुआ था। उनका सिर उनके पुत्र गुरु गोबिंद सिंह जी के पास ले जाया गया था
गुरुद्वारा मजनू का टीला
1505 में गुरु नानक देव जी से मिलने के बाद मजनू ने यहां रहने का निर्णय लिया। यह स्थान गुरु नानक जी के उपदेश देने का प्रतीक है
गुरुद्वारा नानक प्याऊ साहिब
1505 में गुरु नानक देव जी इस बगीचे में यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी देने के लिए रुके थे। यह स्थान अब गुरुद्वारा नानक प्याऊ के नाम से जाना जाता है