बंटवारे के बाद पाकिस्तान ने कैसे शुरु करी थी अपनी Currency

Khushi Srivastava

पाकिस्तान ने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद अपनी खुद की मुद्रा की जरूरत महसूस की। बंटवारे के समय पाकिस्तान और भारत की मुद्रा प्रणाली अलग हो गई थी, और पाकिस्तान ने अपनी मुद्रा को अलग से स्थापित करने का निर्णय लिया

पाकिस्तान ने 1948 में अपनी मुद्रा के रूप में 'पाकिस्तानी रुपया' (PKR) को अपनाया। पहले के भारतीय रुपये को पाकिस्तानी रुपये के रूप में बदलने के लिए पाकिस्तान ने एक नई मुद्रा प्रणाली शुरू की

शुरुआत में, पाकिस्तान ने भारतीय रुपये को अपनी मौजूदा मुद्रा के रूप में स्वीकार किया, जबकि नए पाकिस्तानी रुपये का प्रचलन धीरे-धीरे शुरू हुआ

पाकिस्तान ने 1948 में पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी किए गए पहले मुद्रा नोटों को छापना शुरू किया। इन नोटों में पाकिस्तान का नया प्रतीक और नाम था, जो भारतीय नोटों से अलग था

पाकिस्तान ने 1948 में अपने केंद्रीय बैंक, State Bank of Pakistan (SBP), की स्थापना की। यह बैंक पाकिस्तान की मुद्रा प्रणाली का प्रमुख नियंत्रक और प्रबंधक बन गया

पाकिस्तान ने अपनी मुद्रा की स्थिरता और मूल्य को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न आर्थिक नीतियाँ अपनाईं। इसके लिए केंद्रीय बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखने की कोशिश की

शुरुआती वर्षों में, पाकिस्तान ने मुद्रा नोटों की डिज़ाइन में कई बदलाव किए। इन नोटों पर पाकिस्तान की विभिन्न ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीकों को शामिल किया गया

समय के साथ, पाकिस्तान ने अपनी मुद्रा प्रणाली में सुधार करने और विवादों को हल करने के प्रयास किए। इसमें नई मुद्राओं का परिचय और डिज़ाइन में बदलाव शामिल था, ताकि पाकिस्तानी रुपये को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हो सके

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