कितने विदेशियों को मिल चुका है भारत का 'हाईएस्ट सिविलियन अवॉर्ड'?

Ritika Jangid

पीएम मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा काफी खास रही, इस दौरान उन्हें राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' भी मिला

लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान क्या है और यह कितने विदेशियों को मिल चुका है?

हमारे यहां 'भारत रत्न' को हाईएस्ट सिविलियन अवॉर्ड माना जाता है, देश से इस सबसे बड़े नागरिक सम्मान की शुरुआत साल 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने की थी 

बता दें कि ये सम्मान अभी तक बस तीन विदेशियों को ही मिला है, जिसमें मदर टैरेसा, नेल्सन मंडला और पाकिस्तान के अब्दुल गफ्फार खान शामिल हैं

हालांकि मदर टैरेसा नेचुरलाइज्ड भारतीय नागरिक हो चुकी थीं, वहीं अब्दुल गफ्फार को बतौर स्वतंत्रता सेनानी पुरस्कृत किया गया, वे तब तक पाकिस्तान में बस चुके थे

मंडेला को अश्वेतों के समान अधिकारों के लिए ग्लोबल लड़ाई पर सम्मानित किया गया, लेकिन कई दशकों से यह सम्मान देश के लोगों को ही मिलता आ रहा है

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