गुजरे जमाने का पेजर हिजबुल्लाह के लिए कैसे बन गया काल
Abhishek Kumar
पेजर अब गुजरे जमाने की बात है, फिर भी इससे किए गए अटैक ने हिजबुल्लाह को बुरी तरह हिला दिया है
इस अटैक में ज्यादातर घायलों के हाथ, चेहरे पर चोट आई है
पेजर मोबाइल की तरह ही एक वायरलेस संचार उपकरण है. अंतर बस इतना है कि इसमें बातचीत की सुविधा नहीं है
यह एक छोटे रिसीवर की तरह होता है. जिसमें संदेश को देखा जा सकता है ओर लिखकर जवाब दिया जा सकता है
जब कोई संदेश आता है तो यह बीप या बाइब्रेट करता है. इसीलिए इसे बीपर और ब्लीपर भी कहा जाता है
इससे भेजे जाने वाले किसी भी संदेश की लंबाई अंधिकतम 200 अक्षरों तक हो सकती है
पहली बार इसकी शुरुआत 1950 और 1960 के दशक में हुई थी. 1980 तक विदेशों में इसका खूब इस्तेमाल किया गया