Ritika Jangid
23 नवंबर को महाराष्ट्र की 288 सीटों पर मतगणना हुई। इसमें मुंबई उपनगर में स्थित मानखुर्द शिवाजी नगर सीट पर सभी की नजरे टिकी रही। जिसपर समाजवादी पार्टी के अबू आसिम विजय हुए
इस हॉट सीट से नवाब मलिक (NCP), अबू आसिम आजमी (Samajwadi Party) और जगदीश खांडेकर (MNS) आमने-सामने थे। इसके अलावा कई अन्य निर्दलीय उम्मदीवार भी चुनाव में थे
लेकिन यहां सबसे ज्यादा चर्चा हुई नवाब मलिक और अबू आसिम आजमी की। क्योंकि दोनों एक समय पर बहुत अच्छे दोस्त थे लेकिन अब एक दूसरे के सियासी दुश्मन बने हुए है
बता दें कि नवाब मलिक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के प्रमुख नेता है। मलिक अपने मजबूत राजनितिक प्रभाव के लिए मुंबई में जाने जाते हैं, खासकर मुस्लिम समुदाय के बीच
नवाब मलिक, अबू आसिम के साथ टकराव के बाद समाजवादी पार्टी से एनसीपी में चले गए थे
वहीं, नवाब मलिक महाराष्ट्र के एक प्रमुख राजनेता भी है। उन्हें शिक्षा और अल्पसंख्यकों के कल्याण में सामाजिक कार्य के लिए खासतौर पर जाना जाता है
नवाब मलिक मेनका गांधी के साथ मिलकर काम करते थे। उन्होंने अपना पहला चुनाव 1984 में लड़ा, जिसमें उन्हें केवल 2500 वोट मिले। इसके बाद वह 1996, 1999 और 2004 में नेहरू नगर से महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए
बता दें कि उन्हें टिकट देने पर महायुति में भी काफी टकराव हुआ था। वहीं, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के वरिष्ठ अधिकारी समीर वानखेड़े के साथ विवाद का सामना कर रहे हैं
बता दें कि 1993 में हुए बम धमाकों में शामिल एक व्यक्ति को हवाई टिकट मुहैया कराने पर अबू आजमी का नाम सामने आया था