Relationship Tips: सीता-राम के रिश्ते की खास बातें

Desk Team

राम-सीता प्रभु श्रीराम और माता सीता का वैवाहिक जीवन संघर्षों से भरा था लेकिन जब भी आदर्श दंपत्ति की बात आती है तो सबसे पहले इनका ही नाम आता है।

आदर्श श्रीराम एक आदर्श बेटे के साथ-साथ एक आदर्श पति भी थे। वहीं, उनकी संगिनी के रूप में माता सीता एक आदर्श पत्नी।

खास बातें ऐसी कई बातें हैं जो श्रीराम और सीता मां के रिश्ते को खास बनाती हैं। अपने वैवाहिक जीवन को सफल बनाने के लिए आप भी इनके रिश्ते से सीख ले सकते हैं।

एक दूसरे का साथ परिस्थिति कैसी भी रही हो, श्रीराम और माता सीता ने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया। मां सीता श्रीराम के साथ वनवास गईं तो हरण हो जाने के बाद राम सीता को वापस लाने के लिए डटे रहे।

विश्वास किसी भी रिश्ते की नींव विश्वास ही होता है। रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए पति-पत्नी का एक दूसरे पर विश्वास होना बहुत जरूरी है।

सम्मान एक दूसरे के प्रति सम्मान होना बहुत जरूरी है। श्रीराम माता सीता की सुरक्षा और सम्मान के लिए रावण से युद्ध कर बैठे तो वहीं राम का भरोसा होने के बावजूद सीता ने अग्नि परीक्षा तक दी।

पतिव्रता और पत्नीव्रता श्रीराम और माता सीता के बीच कई बार दूरियां आईं लेकिन दोनों ने कभी भी पतिव्रता और पत्नीव्रता होने का धर्म नहीं छोड़ा।

पैसा और पद रिश्ते को पैसे और पद के तराजू में नहीं तोलना चाहिए। जब राम को वनवास हुआ तो सीता ने पति के पद के बारे में जरा नहीं सोचा और सारी सुख सुविधाएं छोड़कर वनवास चली गईं।

निःस्वार्थ प्रेम श्रीराम और माता सीता के बीच निःस्वार्थ प्रेम और भरोसा था।