36 हज़ार साल पुरानी इस गुफा की खोज साल 1994 में हुई थी। यहाँ तकरीबन 36 हज़ार पुरानी चित्रकारी मौजूद है। इस गुफा को UNESCO 2004 में विश्व विरासत स्थल का दर्जा दे चुका है
दरअसल ये शोवे गुफा दक्षिण-पूर्व फ्रांस के वैलोन -पोर्ट -डी आर्क एरिया में मौजूद है, जो पुरापाषाण काल यानी स्टोन ऐज में यूरोप में आदिम संस्कृति के सबूत देती है
इस गुफा में लगभग एक हजार से ज्यादा चित्र मौजूद है, जो कई वर्ग मीटर तक फैले है। इसी के साथ दीवारों पर भालुओं के पंजे के निशान है, जो उनके यहाँ होने के संकेत देते है
यहां कम लोगों को जाने की परमिशन दी जाती है और लगभग साल भर में 200 से कम शोधकर्ताओं को ही इस गुफा में जाने की अनुमति मिलती है
गुफा में जाने का रास्ता तक़रीबन 25 मीटर अंदर से है। ऐसा कहा जाता है कि 23 हज़ार साल पूर्व एक चट्टान गिरने से यहां जाने का रास्ता बंद हो गया था जिसके बाद साल 1994 में इसकी खोज हुई
रेडियो कार्बन डेटिंग के इस्तेमाल से इस गुफा की सही ऐज पता लगाई गई। एक लेख के अनुसार यहाँ बने चित्र ऑरिग्नेशियाई काल के हैं
यहां पर बच्चों के पैरों के निशान के साथ इस्तेमाल में लाए गए चूल्हे और जलाई गई मसालों के धुएं के निशान भी मिले है