अक्टूबर महीनें की रिटेल महंगाई 6.21% पर पहुंच गई थी, जिसमें सब्जियों की बढ़ती कीमतों का काफी अहम योगदान देखने को मिला। .टमाटर, प्याज और आलू की कीमतें आसमान छू रहीं हैं और ये सब्जियां महंगाई का रीजन बन रही हैं। .इस साल टमाटर के दाम में 161% तक बढ़ोतरी देखी जा चुकी है और इसी वजह से आम लोगों के लिए इसे खरीदना मुश्किल हो गया है। .आलू की कीमत में 65% का इजाफा हुआ है और आलू ये हर रसोई की जरूरत है, पर अब ये भी महंगा हो गया है। .प्याज के दाम इस साल 52% तक बढ़े और प्याज की बढ़ती कीमत ने रसोई का जायका बिगाड़ दिया है। .गोभी जैसी अन्य सब्जियों की कीमतें भी 21% से बढ़कर 31% तक पहुंच गई, जिसके कारण हर घर पर महंगाई का असर हो रहा है। .सप्लाई चेन की प्रॉब्लम हल नहीं हो रही, जिसकी वजह से सर्दियों में भी सब्जियों की कीमतें कंट्रोल नहीं हो पा रहीं है। .महंगाई को कंट्रोल में लाने के लिए RBI को नई स्ट्रेटजी बनानी होगी और दिसंबर की मॉनेटरी पॉलिसी में महंगाई को लेकर इम्पोर्टेन्ट डिसीजन की उम्मीद है।
अक्टूबर महीनें की रिटेल महंगाई 6.21% पर पहुंच गई थी, जिसमें सब्जियों की बढ़ती कीमतों का काफी अहम योगदान देखने को मिला। .टमाटर, प्याज और आलू की कीमतें आसमान छू रहीं हैं और ये सब्जियां महंगाई का रीजन बन रही हैं। .इस साल टमाटर के दाम में 161% तक बढ़ोतरी देखी जा चुकी है और इसी वजह से आम लोगों के लिए इसे खरीदना मुश्किल हो गया है। .आलू की कीमत में 65% का इजाफा हुआ है और आलू ये हर रसोई की जरूरत है, पर अब ये भी महंगा हो गया है। .प्याज के दाम इस साल 52% तक बढ़े और प्याज की बढ़ती कीमत ने रसोई का जायका बिगाड़ दिया है। .गोभी जैसी अन्य सब्जियों की कीमतें भी 21% से बढ़कर 31% तक पहुंच गई, जिसके कारण हर घर पर महंगाई का असर हो रहा है। .सप्लाई चेन की प्रॉब्लम हल नहीं हो रही, जिसकी वजह से सर्दियों में भी सब्जियों की कीमतें कंट्रोल नहीं हो पा रहीं है। .महंगाई को कंट्रोल में लाने के लिए RBI को नई स्ट्रेटजी बनानी होगी और दिसंबर की मॉनेटरी पॉलिसी में महंगाई को लेकर इम्पोर्टेन्ट डिसीजन की उम्मीद है।