Samiksha Somvanshi
सिख धर्म में मैंने वाले लोग अपने ईश्वर के सम्मान में एक लाइन कहते है- वाहे गुरु का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह. क्या आप इसका मतलब जानते हैं ?
वाहे गुरु का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह, इस लाइन का मतलब दूसरे धर्म के लोग शायद नहीं जानते तो आइए जानते है इसका मतलब क्या है?
वाहे गुरु का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह का मतलब है, ईश्वर की सम्पदा, ईश्वर की विजय।
वाहे गुरु का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह का अर्थ है कि सब कुछ ईश्वर का है और अंत में विजय ईश्वर की ही होगी। कुछ भी ईश्वर की मर्ज़ी के बिना नहीं होगा।
वाहेगुरु का मतलब गुरु ग्रंथ साहिब बताया गया है। यहां भगवान को वाहेगुरु जी के नाम से पुकारा जाता है।
इस लाइन का सिख धर्म में काफी महत्व है, यह ईश्वर की महानता को बताता है और संदेश भी देता है।
सिख धर्म में इस लाइन का इस्तेमाल अरदास के समय, पाठ शुरु या खत्म होने पर भी किया जाता है।
सिख धर्म के लोग, वाहे गुरु का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह बहुत ही प्यार और निष्ठा से बोलते है।