When Ravana Dahan Start: जानिए कब और कहां से शुरू हुई रावण पुतला दहन की परंपरा?

Priya Mishra

आइए जानते हैं भारत में रावण पुतला दहन की परपंरा कब और कैसे शुरू हुई और भारत में सबसे पहली बार रावण दहन कहाँ किया गया

दशहरे का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधकार पर रौशनी का प्रतीक है

हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान राम ने इसी दिन लंकापति रावण का वध किया था

आज हम आपको बताएँगे कि भारत में रावण पुतला दहन की परपंरा कब और कैसे शुरू हुई और भारत में सबसे पहली बार रावण दहन कहाँ किया गया

रावण सोने की लंका का सम्राट थाI वह अस्त्र-शस्त्रों का पारंगत, पराक्रमी, तपस्वी और प्रकांड विद्वान व ज्ञानी थाI

रावण के 10 सिर थे और ऐसा कहा जाता है कि वह अपने दस सिर से 10 दिशाओं पर एक साथ नियंत्रण कर सकता था

रावण ने 10 हजार वर्षों तक ब्रह्माजी की तपस्‍या की और हर 1,000 वें वर्ष में उसने अपने 1 सिर की आहुति दी

इसी तरह जब वह अपना 10 वां सिर चढ़ाने लगा तो ब्रह्माजी प्रकट हुए और रावण से वरदान  मांगने को कहा

रावण ने ब्रह्माजी से ऐसा वरदान मांगा, जिसकी वजह से उसे मारना मुश्किल था

लेकिन रावण का सर्वनाश उसके अपने अहंकार और क्रोध के कारण हुआ था

भारत के अलग- अलग शहरों में रावण पुतला दहन की शुरुआत अलग-अलग समय में हुई है

रावण पुतला दहन परंपरा की शुरुआत सबसे पहले झारखंड के रांची शहर से हुई थी

रांची में पाकिस्तान से आए कुछ रिफ्यूजी परिवारों ने सन् 1948 में विजयादशमी के दिन रावण दहन कर दशहरा मनाने की परंपरा की शुरुआत की थी

उस समय यह एक छोटे कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था, लेकिन अब इसका आयोजन काफी बड़े स्तर पर किया जाता है 

दिल्ली का रावण दहन काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, यहाँ भव्य तरीके से रावण दहन का आयोजन किया जाता है

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