भारत सरकार (Indian Government) की योजना अग्निपथ (Agnipath ) को लेकर देश में फैली हिंसा के मामले में बिहार का नाम सबसे आगे आ रहा है। यहां पर प्रदर्शनकारियों ने खूब उत्पात मचाया और ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया। इस अग्निपथ की आग (Fire Of Agnipath) के पीछे अब कोचिंग सेन्टर्स का नाम सामने आ रहा है. इस मामले पर पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि जिन लोगों को हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया उनके फोन खंगालने (Search phone) पर पता चला है कि व्हाट्एप के जरिए कोचिंग सेंटर्स ने हिंसक प्रदर्शन और उकसाने के मैसेज और वीडियो भेजे हैं।
हिंसक प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में भी ये बात सामने आई
उन्होंने कहा कि बिहार में हिंसक प्रदर्शन के पीछे कई कोचिंग सेंटर्स की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। उन्होंने कहा कि हिंसक प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में भी ये बात सामने आई कि 7 से 8 कोचिंग सेंटर्स ने इन लोगों के फोन पर हिंसक मैसेज व्हाट्सएप के जरिए भेजे हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग पूरी तरह से अलर्ट पर हैं। इस मामले में 170 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है जिसमें से 46 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
विरोध प्रदर्शन को लेकर बिहार पुलिस अलर्ट पर
अग्निपथ के विरोध में हो रहे प्रदर्शन को लेकर बिहार में पुलिस अलर्ट पर है। रेलवे स्टेशनों पर अधिक संख्या में पुलिस बल को लगाया गया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह ने कहा है कि उपद्रव करने वालों ने खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। ऐसे लोगों को ट्रेस किया जा रहा है जो इसमें शामिल हैं। अब तक दो दर्जन से अधिक FIR दर्ज की जा चुकी है। सैकड़ों उपद्रवियों की पहचान कर गिरफ्तारी भी की जा रही है।
बिहार में स्थिति सामान्य हो रही
तो वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि राज्य में अब स्थिति समान्यहो रही है। इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने युवाओंके लिए एक अच्छी स्कीम (Good Scheme) बनाई है ये उनको कई फायदे पहुंचाएगी लेकिन ये हिंसक विरोध प्रदर्शन दुर्भाग्यपूर्ण है।