केंद्रीय कानून, सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को किसानों का हितैषी बताया और कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष में एक हजार और मंडियों के इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) से जोड़ जाने का लाभ बिहार के भी छोटे किसानों को मिलेगा।
श्री प्रसाद ने शनिवार को यहां वित्तीय वर्ष 202।22 के बजट में किए गए प्रावधानों के संबंध में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि ई-नाम से जुड़ मंडियों की सफलता को देखते हुए केंद, सरकार ने इस बार के बजट में एक हजार और मंडियों को इससे जोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इससे जुड़ डेढ़ करोड़ किसानों ने अब तक इसके माध्यम से एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये का कारोबार किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके माध्यम से एक क्लिक पर किसानों को डिजिटल रूप से अपनी उपज बेचने की सुविधा मिलती है। उन्होंने कहा कि बिहार के औरंगाबाद जिले में किसान स्ट्रॉबेरी और किशनगंज में अनानास की खेती कर रहे हैं। अब ऐसे किसान भी आसानी से देश में कहीं भी एक क्लिक पर अपनी उपज बेच सकते हैं।
श्री प्रसाद ने कहा कि देश भर के किसानों को डिजिटल स्वामित्व कार्ड प्रदान करने के लिए भी प्रावधान किए गए हैं और कृषि ऋण के लिए सोलह लाख पांच हजार करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। उन्होंने कहा कि केंद, सरकार ने देश के 11 करोड़ किसानों में से प्रत्येक को 6000 रुपये सालाना उनके खाते में दे रही है और फसल बीमा योजना के तहत 90,000 किसानों को मुआवजा प्रदान किया गया है।