पटना : बिहार विधान परिषद के शीतकालीन सत्र में प्रो. नवल किशोर यादव के अल्पसूचित प्रश्न केउतर में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विकास कार्यों के क्रियान्वयन विषय तौर पर सडक़ के चौड़ीकरण एवं भवन निर्माण के कारण पुराने वृक्षों की कटाई हुई है। पेड़-पौधे प्राकृतिक संतुलन बनाये रखने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। लेकिन राज्यमें पौधों की कटाई पर वि भाग के स्तर पर कारगर अंकुश रखा गया है। विकास कार्यों हेतु अपरिपक्व पौधों की कटाई के बदले तीन गुणा पौधों की रोपनी सुनिश्चत किया जाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हरियाली मिशन कार्यक्रम के तहत वृहत वृक्षारोपण का कार्यक्रम चला रही है जिसके तहत विगत तीन वर्षों में 676.134 लाख पौधों का रोपण किया गया। इन पौधारोपणों में 392 लाख पौधे कृषि वानिकी योजना अन्तर्गत कृषिकों की रैयती भूमि पर कृषकों द्वारा लगाये गये हैं जिनकी औसत उत्तरजीविता 30 प्रतिशत है।
विभागीय वृक्षारोपण की औसत उत्तरजीविता 70 प्रतिशत है। राज्य में किये गये वृक्षारोपण प्रदूषण की समस्या के निदान में सक्रिय भूमिका निभायेगा। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे एक सुखी जीवन के लिए निहायत ही जरूरत है। राज्य सरकार राज्य के हरित आवरण बढ़ाने एवं उनके रख रखावे हेतु सादा प्रयासरत है।
सरकार के स्तर पर फलदार वृक्ष के रोपण एवं उनके कटाई को रोकने हेतु सभ विधि सम्मत कार्रवाई किया जा रहा है। पर्यावरण, वन एवं जल वायु परिवर्तन विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 में राज्य में 67 लाख पौधे एवं मनरेगा के अन्तर्गत 45 लाख पौधे लगाये गये हंै। वन विभागीय वृक्षारापेणों की उत्तरजीविता 81 प्रतिशत है। आगामी वर्ष में विभाग द्वारा 1.91 करोड़ पौधे एवं मनरेगा के तहत 60 लाख पौधे को लगाये जाने का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है।