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सरकार के क्रूर रवैये से औरेया में मरे 24 मजदूर: ललन कुमार

उत्तर प्रदेश के औरेया जिले में सडक़ हादसे में 24 मजदूरों की दर्दनाक मौत पर गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने कहा कि अफसोस की बात है कि केंद्र एवं राज्य सरकार लॉक डाउन के 53 दिन होने के बावजूद मजदूरों के साथ कू्रर रवैया अपनाकर न्याय नहीं कर पा रही है

पटना, (पंजाब केसरी) :  उत्तर प्रदेश के औरेया जिले में सडक़ हादसे में 24  मजदूरों की दर्दनाक मौत पर गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने कहा कि अफसोस की बात है कि केंद्र एवं राज्य सरकार लॉक डाउन के 53 दिन होने के बावजूद मजदूरों के साथ  कू्रर रवैया अपनाकर न्याय नहीं कर पा रही है ,और उन्हें भगवान भरोसे कभी सडक़ों पर तो कभी रेल की पटरियों पर तो कभी भूखे मरने पर मजबूर कर रही है। हद तो यह है कि इतने भयानक गर्मी में अगर कोई स्वयंसेवी संस्था सडको पर चल रहे इन मजदूरों को खाना और पानी  मुहैया कराती है तो उत्तर प्रदेश की पुलिस ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई और एफआईआर की चेतावनी का नोटिस थमा दे रही है, ऐसा लगता है कि  उत्तर प्रदेश  में मानवीय संवेदना पूरी तरह से समाप्त हो गई है और यहां  सिर्फ  नफरत और धर्म के आधार पर राजनीति करने की उत्तेजना कैसी बनी रहे इसके लिए लगातार प्रयास चल रहा  है, और ऐसे प्रयासों को कहीं ना कहीं मीडिया के द्वारा भी लगातार खाद-पानी दी जा रही है। जिस कारण  मजदूरों के साथ  हो रही नाइंसाफी और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है। जिस कारण आज सडक़ों पर , रेल की पटरी पर मजदूर भूखे पेट अपने छोटे बच्चों और महिलाओं के साथ अपने घर की ओर जा रहे  हैं । इस तरह की स्थिति  पूरे भारतवर्ष में दिखाई पड़ रहा है। इन्होंने अविलंब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मानवीय संवेदना के आधार पर हर मजदूरों को नगद राशि उपलब्ध करवाकर उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था किए जाने की मांग की है, क्योंकि जब तक उनमें विश्वास की भावना नहीं जग पाएगी ,तब तक ऐसे ही सडक़ों पर मजदूर अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ दिखाई पड़ते रहेंगे जो पूरे भारतवर्ष के लिए शर्मनाक की स्थिति है, जो मजदूर इंडिया को सजाने और संवारने में अपना सर्वत्र निछावर करते रहे हैं उनके साथ ऐसा व्यवहार सोचने से ही सिहरन हो जाता है ।

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