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बच्चों को इलाज हेतु सदर अस्पताल समस्तीपुर को 25 लाख रुपये की अनुदान राशि दी गयी : नित्यानंदराय

खर्च किया जाये तो सरकारी अस्पताल भी फाइव स्टार अस्पताल बन सकता है। मगर सरकारी संपत्ति को अपनी संपत्ति समझना होगा।

 पटना : एक तरफ बिहार में चमकी बुखार से आये दिन बच्चों की मौत हो रही है। वहीं लोगों का कहना है कि अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण बच्चे मर रहे हैं। उजियारपुर के सांसद, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं मोदी-2 में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय बनाये गये है। समस्तीपुर सदर अस्पताल में बच्चों के इलाज के लिए पीआईसीयू को यूनिट बनाने के लिए उन्होंने 25 लाख रुपये का अनुदान राशि दिया। 
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भाजपा सांसद ने अपने जिले में पीआईसीयू का निर्माण करायेगे। भाजपा के सभी सांसदों को 25 लाख रुपये की राशि निर्गत की है। श्री राय ने कहा कि देश के सभी सांसदों को इस तरह का फंड अस्पताल निर्माण हेतु उपलब्ध करायेगे और स्वयं समय-समय पर अस्पताल का मॉनिटरिग किया करे। जिस तरह जिलाधिकारी एवं पंचायतों में जाकर लोगों के दुख-तकलीफ को सुनते हो, इस तरह से अस्पताल की स्थिति और सुधार सकती है।
 देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पहला प्राथमिकता स्वास्थ्य, शिक्षा, मकान है। बिहार में अस्पताल सुधार के साथ साथ स्वास्थ्य एवं स्वच्छता अभियान पर जोर देना चाहिए। उन्होंने सभी बुद्धिजीवियों से आह्वान किया कि सरकारी अस्पताल देख-रेख स्वयं करें। क्योंकि गरीबों का सबसे बड़ा सहारा सरकारी अस्पताल है।
 प्रखंड में रेफरल अस्पताल एवं जिला में सदर अस्पताल उसके बाद पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर किया जाता है। इसलिए सभी लोग जागरूक होकर अस्पताल की तरह देखरेख करें ताकि गरीब लोगों का इलाज ठीक से हो सके।श्री राय ने कहा कि जरूरत पड़ी तो अस्पताल के लिए और फंड मुहैया कराया जायेगा। 
अस्पताल के डॉक्टरों को अपनी जिम्मेवारी लेते हुए अस्पताल का मैनेजमेंट करते हुए लोगों का इलाज करें। उन्होंने कहा कि जितना केन्द्र और राज्य सरकार से अनुदान राशि आती है अगर सही से खर्च किया जाये तो सरकारी अस्पताल भी फाइव स्टार अस्पताल बन सकता है। मगर सरकारी संपत्ति को अपनी संपत्ति समझना होगा।

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