पटना : मुजफ्फरपुर समेत आस-पास के जिलों में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस जानलेवा बीमारी की चपेट में बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है वहीं नए मरीजों का भर्ती होना भी जारी है। उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल-एसकेएमसीएच में 24 घंटे के अंदर 16 और बच्चों की मौत हो गई। इस तरह मुजफ्फरपुर व आस-पास के इलाकों में अब तक 83 बच्चों की मौत हो गई है।
वहीं प्रशासन के साथ ही नेताओं की टीम भी लगातार दौरा कर रही है। बताया जा रहा है कि सरकार सहायता के लिए पूरी तरह से तत्पर है। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि आगे से इस प्रकार की बीमारी नहीं फैले और बच्चों को बचाया जाए। इसके पहले वे पटना में कहा कि एईएस को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
केंद्र हर स्तर पर मदद कर रहा है। इस मौसम में बच्चों की सर्वाधिक मौत एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में हुई है। यहां अब तक 75 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं स्वास्थ्य सचिव ने मीडिया को बताया कि मुजफ्फरपुर के दोनों अस्पतालों में अधिकृत रूप से शनिवार की सुबह तक 69 बच्चों की मौत हुई है। इसमें एसकेएमसीएच में 58 तथा केजरीवाल अस्पताल में 11 बच्चों की मौत शामिल है।
वहीं मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डा. शैलेश प्रसाद सिंह ने भी एसकेएमसीएच का जायजा लिया। इस दौरान वे मरीजों के परिजनों से मिले। पूर्वी चंपारण में तीन और वैशाली में पांच बच्चों की मौत हुई है। वहीं शनिवार की सुबह तक 234 नए बच्चों को भर्ती कराया गया है। इस सीजन में 10 जून को स्थिति सबसे भयावह रही। उस दिन 23 बच्चों की मौत हुई थी। लेकिन इस शुक्रवार को 16 बच्चों की मौत हो गई।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने एसकेएमसीएच में एईएस से पीडि़त बच्चों का जायजा लिया। साथ ही चिकित्सकों व प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें इलाज से जुड़ी समस्या व आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि बच्चों को बेहतर इलाज चल रहा है।
मरीजों के परिजन भी इससे संतुष्ट हैं। वहीं एईएस पीडि़त बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए एसकेएमसीएच के अन्य विभागों की आइसीयू को पीआइसीयू में बदलकर इलाज की व्यवस्था की गई है। सदर अस्पताल में भी 10 व केजरीवाल में 15 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई है।
एसकेएमसीएच को छह अतिरिक्त एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई है। केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर जागरूकता अभियान में तेजी लाई जाएगी। गांव-गांव में आशा, एएनएमके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की केंद्रीय जांच टीम डा. अरुण कुमार सिन्हा के नेतृत्व में मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच पहुंची। टीम में डा. गोयल, डा. पूनम, पटना एम्स के डा. लोकेश और एनसीडीसी पटना के डा. राम सिंह शामिल थे।