राजद के जिला उपाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह एवं राजद जिला के प्रवक्ता उमेश यादव ने बिहार में हुई कोरोना जांच घोटाले पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी अपने शासन को नीट एण्ड क्लीन दिखाने की जो कोशिश करते रहते हैं उसमें से यह 56वां घोटाला भी हो गया और इस घोटाले को दबाने के लिए सिविल सर्जन, डाॅक्टर एवं चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को बली का बकरा बनाकर बड़े मछलियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
नीतीश कुमार ने जो विभागीय सचिव से जांच कराने का आदेश दिया है उसे राष्ट्रीय जनता दल नाकाफी एवं नकारा मानती है। इन नेताओं ने आरोप लगाया है कि इस घोटाले में सचिव स्तर से लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय भी शामिल है। इसमें अरबों रूपये के घोटाले हो सकते हैं। इस घोटाले की जांच निष्पक्ष हो इसके लिए राष्ट्रीय जनता दल यह मांग करता है कि इस घोटाले की जांच पटना हाईकोर्ट के किसी वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित न्यायिक आयोग से करायी जाय।
इस घोटाले की जांच निष्पक्ष तभी हो सकता है जब स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय इस पद पर नहीं रहे। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय जी में इतनी नैतिकता नहीं है कि वो इस्तीफा दे सकें तो मुख्यमंत्री जी को इन्हें अविलंब बर्खाश्त कर देना चाहिए जिससे कि निष्पक्ष जांच हो सके।