बिहार के एक स्कूल ने ऐसा ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी किया है, जिसके मुताबिक 3 दिन के बच्चे ने 8वीं कक्षा पास की है। ट्रांसफर सर्टिफिकेट के मुताबिक छात्र का जन्म 20 मार्च, 2007 को हुआ था और उसने 23 मार्च, 2007 को परीक्षा पास कर ली थी। यह मामला मुजफ्फरपुर के मीनापुर के एक माध्यमिक विद्यालय का है, जहां एक आठवीं के छात्र प्रिंस कुमार को टीसी दिया गया जिसमें छात्र की जन्म तिथि 20 मार्च 2007 बताई गई है और स्कूल ने उसे 23 मार्च 2007 का ही आठवीं पास का टीसी दे दिया है। स्कूल की इस गलती के बाद छात्र के परिजनों के होश उड़ गए।
दिलचस्प बात यह है कि स्कूल की प्रिंसीपल ने यह गलती देखे बिना उस पर हस्ताक्षर भी कर दिए। छात्र के मुताकि जब वह इस मामले को लेकर स्कूल गया और प्रिंसिपल से मिलने की कोशिश की तो स्कूल वालों ने मुझे स्कूल से बाहर निकाल दिया। प्रिंस के पिता नवल किशोर रंजन ने बताया कि सर्टिफिकेट में उनका नाम भी गलत है। उनका नाम नवल किशोर रंजन की जगह नवल किशोर प्रसाद कर दिया है।
इतना ही नहीं जब प्रिंस के अभिभावक गोसाईदास टेंगरारी स्कूल में सर्टिफिकेट में सुधार कराने के लिए गए तो वहां की हेड मास्टर रंजना कुमारी ने उन्हें डांट फटकार कर भगा दिया और टीसी में गलती को सुधारने से भी मना कर दिया। मुजफ्फरपुर डीईओ ने कहा कि यह एक लिपिकीय गलती थी और हम इसे जल्द ही ठीक कर देंगे। हमने स्कूल प्रशासन के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी है।