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जीतन राम मांझी के बाद अब ये नेता भी हो सकते हैं महागठबंधन से बाहर , तेजस्वी यादव को लग सकता है बड़ा झटका

जीतन राम मांझी के महागठबंधन से बाहर होने के बाद अब शायद ये लग रहा है की तेजस्वी यादव को एक और बड़ा झटका लग सकता, दरअसल बिहार के विपक्षी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी RLSP ने बुधवार को गठबंधन से बाहर निकलने के संकेत दिए हैं।

जीतन राम मांझी के महागठबंधन से बाहर होने के बाद अब शायद ये लग रहा है की तेजस्वी यादव को एक और बड़ा झटका लग सकता, दरअसल बिहार के विपक्षी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी RLSP  ने बुधवार को गठबंधन से बाहर निकलने के संकेत दिए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र प्रसाद कुशवाहा की पार्टी रालोसपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव माधव आनंद ने बताया कि उनकी पार्टी अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले संभावनाओं को तलाशने के लिए तैयार है।
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उन्होंने कहा, ‘आज (24 सितंबर) हमने एक बैठक बुलाई है जिसमें हमारे राष्ट्रीय और राज्य कार्यकारिणी के सभी सदस्य शामिल होंगे। महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है और हमें कुछ समयबद्ध फैसले लेने की जरूरत है ।’ रालोसपा नेता ने महागठबंधन में समन्वय की कमी और जीतन राम मांझी के हाल में इसे छोड देने के बाद भी कोई सबक सीखने में इसकी विफलता पर नाराजगी व्यक्त की।
जीतन राम मांझी के महागठबंधन छोड़ने के बाद से ही आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा असहज महसूस करने लगे थे। ‘हम’ प्रमुख के एनडीए में शामिल होने के बाद आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सीट शेयरिंग को लेकर तेजस्वी यादव से मुलाकात भी की थी लेकिन, इस मामले में उन्हें निराशा ही हाथ लगी। इसलिए अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आनन-फानन में उपेंद्र कुशवाहा द्वारा बुलाए गए पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। हालांकि महागठबंधन से निकलने के बाद उपेंद्र कुशवाहा किस खेमे में जाएंगे इसका खुलासा अभी नही हो सका है।
 लेकिन बताया यह जा रहा है कि एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा की वापसी तभी संभव है जब वो बिना किसी शर्त शामिल होंगे।महागठबंधन के सूत्र की माने तो आरजेडी और कांग्रेस उपेंद्र कुशवाहा को 15 से 20 सीट से ज्यादा देने के मूड में नहीं है। सूत्र यह भी बताते हैं कि उपेंद्र कुशवाहा को ज्यादा सीट देने के बजाय, आरजेडी और कांग्रेस की मंशा अपने सिंबल पर कुशवाहा समाज के बेहतर उम्मीदवारों को उतारने की है। इसके पीछे की सोच यह है कि, इस तरह उनकी पार्टी से ना सिर्फ कुशवाहा जाति के लोग जुड़ेंगे बल्कि, भविष्य में उनके पार्टी से अलग होने की संभावना भी कम रहेगी। सूत्र ने यह भी बताया कि इस तरह की सलाह कई महीने पहले खुद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने दी थी।
रालोसपा युवा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मोहम्मद कामरान को मंगलवार की देर रात ही तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी की सदस्यता दिला दी थी जिससे उपेंद्र कुशवाहा भड़के हुए बताए जाते हैं। माना जा रहा है कि आरजेडी ने उपेंद्र कुशवाहा की ही पार्टी में सेंध लगा दी है।
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जीतनराम मांझी ने उपेंद्र कुशवाहा के सवाल पर कहा कि महागठबंधन के भीतर, उपेंद्र कुशवाहा भी मेरी भाषा का ही इस्तेमाल कर रहें है। अब उपेंद्र कुशवाहा कहां जाएंगे यह उन्ही को तय करना है। जीतन राम मांझी ने कहा कि महागठबंधन में शामिल आरजेडी और कांग्रेस अपने हिडेन एजेंडे पर काम कर रही है। हम पहले समझ गए और एनडीए में शामिल हो गए धीरे-धीरे सभी को समझ में आ जाएगा। मांझी ने इतना जरूर कहा कि चुनाव में चिराग पासवान एनडीए में ही रहेंगे लेकिन उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन से दूर हो जाएंगे। मांझी से जब यह पूछा गया कि क्या एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा के लिए जगह है तो इस सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि इसका फैसला सुशील मोदी या नीतीश कुमार ही करेंगे।

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