केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री व राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा का सोमवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। खबर आ रही है। कि उपेंद्र कुशवाहा ने इस्तीफा पीएम नरेंद्र मोदी को भेज दिया है। बताया जा रहा है कि कुशवाहा महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं। मंगलवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, उससे पहले आज एनडीए की बैठक होनी है। इस बैठक में उपेंद्र कुशवाहा ने जाने से मना कर दिया था। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र (Winter session of parliament) मंगलवार से शुरू हो रहा है।
उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू से इस्तीफा देने बाद मोदी सर्कार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार ने बिहार में कई बड़े वादे किये थे। परंतु उन्होंने आजतक पूरा नहीं किया है. उन्होंने कहा 2014 में प्रधानमंत्री के पद के उम्मीदवार से बिहार में विकास का वादा किया था। और यही नहीं बिहार के लिए स्पेशल पैकेज की घोषणा की।
नरेंद्र मोदी पीएम बने और मैं भी मंत्री बना। जो उम्मीद थी उस पर नरेंद्र मोदी पीएम के तौर पर खरे नहीं उतरे। बिहार के लिए कुछ नहीं किया गया। सामाजिक न्याय के एजेंडे से हटकर RSS के एजेंडे को लागू किया जा रहा है। पिछले 15 साल के नीतीश सरकार भी फिसड्डी साबित हुई है। मंगलवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, उससे पहले आज एनडीए की बैठक होनी है. इस बैठक में उपेंद्र कुशवाहा ने जाने से मना कर दिया था।
कुशवाहा के इस्तीफे से बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख पिछले कुछ सप्ताहों से बीजेपी और उसके अहम सहयोगी दल के नेता, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे थे। रालोसपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में दो से ज्यादा सीटें नहीं मिलने के भाजपा के संकेतों के बाद से कुशवाहा नाराज चल रहे थे।
दूसरी ओर भाजपा और जदयू के बीच बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बन रही थी। रालोसपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया था कि कुशवाहा आज बीजेपी से अपनी राह अलग करने की घोषणा कर सकते हैं। वह केंद्रीय मंत्री के पद से भी इस्तीफा दे देंगे। रालोसपा विपक्ष से हाथ मिला सकती है जिसमें लालू प्रसाद की राजद और कांग्रेस शामिल हैं। बिहार से लोकसभा में 40 सांसद आते हैं।