पटना : खरीफ 2019 में अब तक धान बिचड़ा का आच्छादन 33000 हे. लक्ष्य के विरूद्ध 116854 हे. हुआ है जो 35.41 प्रतिशत है। धान की रोपनी का लक्ष्य 3300000 हे. निर्धारित किया गया है जिनके विरूद्ध तिरहुत एवं दरभंगा प्रमंडल और सुपौल में रोपनी का कार्य प्रारंभ हो गया है। खरीफ मौसम में मक्का की बुआई 424500 हे. क्षेत्र में किया जायेगा, अब तक इस लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 70710 हे. क्षेत्र में आच्छादन हुआ है। उक्त बातें सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित प्रेस कॉन्फे्रंस को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार ने कही। इस अवसर पर कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार, कृषि निदेशक आदेश तितरमारे, विशेष सचिव रवीन्द्र नाथ राय एवं निदेशकउद्यान नंदकिशोर समेत राज्य के नोडल पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
डा. कुमार ने बताया कि वर्ष 2018त्र19 में तृतीय अग्रिम पूर्वानुमान के अनुसार चावल का उत्पादन 60.43 लाख मे. टन एवं चाववल की उत्पादकता 18.898 क्वि. प्रति हेक्टेयर होने का आंकलन किया गया है। वर्ष 2018-19 में तृतीय अग्रिम पूर्वानुमान के अनुसार गेहॅू का उत्पादन 56.10 लाख हे. टन तथा उत्पादकता 26.64 क्वि प्रति हे. दर्ज किया गया। वर्ष 2018-19 में तृतीय अग्रिम पूर्वानुमान के अनुसार मक्का का उत्पादन 21.10 लाख मे. टन एवं उत्पादकता 42.98 क्वि. प्रति हे. आकलन किया गया। वर्ष 2018-19 में तृतीय अग्रिम पूर्वानुमान के अनुसार कुल खाद्यान्न का उत्पादन 142.36 लाख मे. टन एवं प्रति हे. उत्पादकता 22.63 क्वि. प्रति हे. आकलित किया गया।
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में नवीनतम पफसल प्रभेदों के बीच के उपयोग को बढा़वा देने हेतु मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना, एकीकृत बीज ग्राम योजना, बीज ग्राम योजना के साथ बीज वितरण कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है। खरीफ 2019 में कृषि विभाग की विभिन्न यो जनाओं में अनुदानित दर पर बीज की आवश्यकता के अनुरूप उपलब्धता बिहार रज्य बीज निगम द्वारा सुनिश्चित की जायेगी। राज्य में बिहार राज्य बीज निगम द्वारा 65735.54 क्वि. धान बीज वितरण लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 43429.39 क्वि धान बीज का उठाव डीलर ने किया है जसका वितरण किया गया है। इनमें स्वर्णा सब-1, सहभागी, सम्पदा, अभिषेक, राजेन्द्र श्वेता, राजेन्द्र मंसूरी तथा राजेन्छ्र भगवती धान के प्रभेद प्रमुख हैं।
वर्ष 2018-19 में अनियमित मानसून के कारण अल्पवृष्टि को देखते हुए खरीफ एवं रबी मौसम में सरकार द्वारा विभिन्न फसलों की सिंचाई के लिए डीजल अनुदान कार्यक्रम चलाया गया। वर्ष 2018-19 में खरीफ मौसम में 13 लाख 85 हजार 860 लाख किसानों के बीच 1 अरब 95 हजार 10 लाख 43 हजार 664 रुपये एवं रबी मौसम में अब तक 3 लाख 59 हजार 205 के बीच 7 करोड़ 37 लाख 34 हजार 747 रूपये डीजल अनुदान के रूप में वितरित किया गया है। राज्य के 25 जिलों के 280 सखाग्रस्त प्रखण्डों के 14 लाख 18 हजार 721 किसानों के बीच 4 अरब 50 लाख 12 हजार 37 रूपये कृषि इनपुट अनुदान दिया गया। अतिरिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत राज्य के 24 लाख 38 हजार 225 किसानों को लाभान्वित किया गया। कृषि विभाग के वेबसाइट पर अब तक 76 लाख 27 हजार 707 किसानों ने अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराया है।
टिकाऊ खेती के लिए मृदा का स्वस्थ होना आवश्यक है। मृदा के स्वास्थ्य की जांच मिट्टी परीक्षण द्वारा की जाती है। इसके लिए सभी जिलों में जिलास्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं जहां किसानों के खेत से संग्रहित नमूने नि:शुल्क जांच किए जाते हैं। इन प्रयोगशालाओं में कार्यरत कर्मियों में मिट्टी जांच की क्षमतावद्र्धन एवं ग्रामीण युवाओं को विश्लेषण कार्य हेतु प्रशिक्षण दिया गया है।