भूतपूर्व एडीजी भारत सरकार श्री अजय प्रकाश पाठक दिनांक 20/10 को वाल्मिकीनगर लोकसभा हेतु निर्दलीय प्रत्यासी के रूप में नामांकन डालने वाले थे परन्तु कांग्रेस आलाकमान , कांग्रेस प्रत्याशी ऑर बिहार कांग्रेस नेताओं के काफी मान मनौव्वल के बाद उन्होंने नामांकन नहीं दिया।
अपने सैकड़ों गाड़ियों का काफिला ऑर हजारों समर्थकों के साथ नामांकन को श्री पाठक तैयार थे परन्तु नामांकन हेतु काफिला घर से निकलने से पूर्व कांग्रेस पार्टी के मान मनौव्वल ऑर प्रत्यासी श्री प्रवेश मिश्रा के निवेदन को ध्यान में रखते हुए नामांकन नहीं करने का फैसला लिया।यह सब कुछ फिल्मी अंदाज में हुआ।
आज पार्टी आलाकमान के निर्देश पर सबसे पहले बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक श्री अजय प्रकाश पाठक ऑर अध्यक्षा मंजुबाला पाठक अपने पैतृक गांव बड़गो में मां भगवती स्थान पे माथा टेकने के बाद मिश्रौली ऑर चनपटिया प्रखंड के सैकड़ों ट्रस्ट कार्यकर्ताओं से मिलकर उन्हें चनपटिया कांग्रेस प्रत्याशी ऑर वाल्मिकीनगर लोकसभा प्रत्याशी को मदद करने का निर्देश दिया।
तत्पश्चात अपने ट्रस्ट कार्यकर्ता प्रशांत कुशवाहा के घर उनके दादाजी के श्राद्ध कर्म में भाग लिया।साथ ही चनपटिया विधान सभा के प्रभारी पर्यवेक्षक दुर्गेश पटेल से मिलकर चुनाव रणनीति पर चर्चा किए।आगे भी अलग अलग विधान सभाओं में अपने बाबु धाम ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं को कांग्रेस प्रत्याशी को मदद करने का निर्देश देते रहेंगे।
जैसा कि सर्वविदित है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के कहने पे श्री पाठक ने 2019 में एडीजी ,भारत सरकार पद से स्वैक्षिक सेवानिवृत्ति लिया था परन्तु कांग्रेस ने उस समय उनको प्रत्यासी नहीं बनाया।पुनः आश्वासन के बाद वाल्मिकीनगर लोकसभा उपचुनाव में प्रत्यासी नहीं बनाया। अंत अंत तक अंधेरे में रखा फलस्वरूप श्री पाठक निर्दलीय नामांकन को आतुर थे।
परन्तु पार्टी की गंभीर कोशिश ऑर मान मनौव्वल के बाद कांग्रेस प्रत्याशी को अपना आशीर्वाद ऑर मदद देने का फैसला लिया।श्री पाठक की मांग केवल वाल्मिकीनगर लोकसभा की टिकट थी परन्तु पार्टी ने उनके नाम पर विचार करने और आश्वासन के बाद भी टिकट नहीं दिया।अब पार्टी के निर्देश का सम्मान करते हुए कांग्रेस को मदद करने का निर्देश अपने ट्रस्ट के हजारों कार्यकर्ताओं को दिया ।