तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने लोगों से जरूरतमंदों के लिए काम करने का आग्रह करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अगर कोई व्यक्ति धर्म में विश्वास करता है तो उसे दूसरों के बारे में सोचना चाहिए। दलाई लामा ने बिहार के बोधगया में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनके मन में गुस्सा भड़काने वालों के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप आस्तिक हैं तो आपको दूसरों के बारे में सोचने की जरूरत है। यदि आप केवल अपने बारे में सोचते हैं तो आपसे यह उम्मीद नहीं की जाती। हमेशा जरूरतमंद लोगों के लिए काम करें।
प्रार्थना सभा में हिस्सा लेने के लिए कालचक्र मैदान पहुंचे
दलाई लामा ने कहा, ‘‘हमने इंसान के रूप में जन्म लिया है और मैं जहां भी रहूंगा, मानवता के लिए काम करता रहूंगा। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित दलाई लामा ने बोधगया के कालचक्र मैदान में कोरोना महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद बृहस्पतिवार को फिर से अपने सार्वजनिक प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन किया। वह 22 दिसंबर को बोधगया आने के बाद से एक तिब्बती मठ में ठहरे हुए हैं। बृहस्पतिवार को दलाई लामा बैटरी चालित एक वाहन पर सवार होकर प्रार्थना सभा में हिस्सा लेने के लिए कालचक्र मैदान पहुंचे।
बोधिसत्व के दोहरे आदर्शों पर जोर दिया
उन्होंने तिब्बती रोटी और चाय का नाश्ता करके अपने प्रवचन की शुरुआत की और बेहतर दांत होने के मूल्य पर प्रकाश डाला। दलाई लामा ने प्रवचन के दौरान बोधिचित्त और बोधिसत्व के दोहरे आदर्शों पर जोर दिया, जिसका पालन करने वाले खुद के प्रबोधन की दिशा में कार्य करने के साथ ही दूसरों को पीड़ा से मुक्ति दिलाने में मदद करते हैं। निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता अगले कुछ दिनों तक कालचक्र मैदान में प्रवचन देंगे और उसके बाद नए साल में लामा अपने धार्मिक गुरु की दीर्घायु के लिए प्रार्थना करेंगे।
चीनी महिला की मौजूदगी से प्रशासन में खलबली मची
कालचक्र मैदान जहां आयोजित प्रार्थना सभा में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री और पड़ोसी देश के भक्तगण प्रत्येक साल भाग लेते हैं, कुछ साल पहले एक कम तीव्रता वाले विस्फोट से हिल गया था, जिसे बांग्लादेश स्थित एक संगठन द्वारा अंजाम दिया गया था। इस संगठन ने म्यांमा में रोहिंग्याओं पर होने वाले अत्याचार का बदला लेने के लिए मैदान में आयोजित सभा को निशाना बनाया था। इस बीच, तीर्थ नगरी में एक चीनी महिला की मौजूदगी की प्रारंभिक रिपोर्ट से प्रशासन में खलबली मच गई है। दरअसल, कई दशक पहले निर्वासन के लिए मजबूर किए गए दलाई लामा कथित तौर पर चीन के कम्युनिस्ट शासन के निशाने पर रहे हैं।
गया जिले की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने कहा, “हमें उक्त चीनी महिला के बारे में कुछ प्रारंभिक जानकारी प्राप्त हुई है, जिसके स्केच हमने जारी किए हैं। लेकिन अभी कुछ भी पुख्ता नहीं है।” उन्होंने बताया कि महाबोधि मंदिर के आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और लोगों की सघन तलाशी ली जा रही है। क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।