बिहार में साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने है। इसी चरण में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) रविवार से चुनावी अभियान शुरू की। इसी के मद्देनजर गृह मंत्री अमित शाह आज वर्चुअल रैली के जरिए बिहार के लोगों को संबोधित किया। भाषण की शुरुवात में शाह ने कहा कि “भारत की राजनीति के इतिहास में पहली वर्चुअल रैली में उपस्थित बिहार के सभी कार्यकर्ता भाइयों और बहनों आप सभी का मैं भाजपा की ओर से स्वागत करता हूं।”
बिहार की धरती ने ही पहली बार दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव कराया
उन्होंने कहा कि “आजादी के बाद जब कांग्रेस पार्टी की नेता श्रीमती इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास किया तब बिहार की जनता ने ही जेपी आंदोलन करके फिर से एक बार लोकतंत्र को स्थापित करने का काम किया।” गृह मंत्री ने कहा कि बिहार की धरती ने ही पहली बार दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव कराया। जहां महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। इस भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया है।
रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं
उन्होंने कहा कि “इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। भाजपा लोकतंत्र में विश्वास रखती है। कोरोना संकट में हम जन संपर्क के अपने संस्कार को भुला नहीं सकते। मैं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को बधाई देता हूं कि 75 वर्चुअल रैली के माध्यम से उन्होंने जनता से जुड़ने का मौका दिया है।” उन्होंने कहा कि “जब मैं वर्चुअल रैली के माध्यम से आपसे संवाद कर रहा हूं तब कुछ लोगों ने अभी थाली बजाकर इस रैली का स्वागत किया है। मुझे अच्छा लगा कि देर-सवेर मोदी जी की अपील को उन्होंने माना।”
रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए
उन्होंने कहा कि “ये राजनीतिक दल के गुणगान गाने की रैली नहीं है। ये रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए है।” अमित शाह ने कहा कि “जो वक्रदृष्टा लोग इसमें भी राजनीति देखते हैं, उन्हें मैं कहता हूं कि किसने उन्हें रोका है, दिल्ली में बैठकर मौज करने की जगह, दिल्ली से लेकर पटना और दरभंगा की जनता को जोड़ने के लिए एक वर्चुअल रैली ही कर लेते।”
PM मोदी ने छह साल के अंदर करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का किया प्रयास
उन्होंने कहा कि “2014 में मोदी जी ने कहा था कि भारत का विकास जो अब तक चला उसमें पश्चिमी भारत और पूर्वी भारत के विकास में बहुत बड़ा अंतर है। आजादी के समय जीडीपी के अंदर पूर्वी भारत का योगदान बहुत ज्यादा होता था, परंतु आजादी के बाद से जिस प्रकार से सरकारें चली उन्होंने पूर्वी भारत के विकास से मुंह मोड़ लिया था और परिणाम ये आया कि पूर्वी भारत पिछड़ता गया।”
उन्होंने कहा कि “मोदी जी ने छह साल के अंदर करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का एक प्रयास किया है जिसका सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वो मेरे पूर्वी भारत के लोगों को हुआ है।” आवास, बिजली, बैंक खाते, स्वास्थ्य सेवाएं, गैस सिलेंडर, शौचालय, ये सब तो मोदी सरकार 2014-2019 तक के कार्यकाल में ही दे चुकी थी। 2019 में मोदी जी ने जल शक्ति मंत्रालय गठित करके देश के 25 करोड़ लोगों के घर में नल से शुद्ध जल पहुंचाने की योजना शुरु की।
कांग्रेस का दावा
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हमेशा कहते थे कि किसानों का कर्ज माफ करो। 10 साल उनकी सरकार रही थी, तो वो दावा करते हैं कि करीब 3 करोड़ किसानों का 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी ने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 9.5 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 72,000 करोड़ रुपये हर साल डालने की व्यवस्था की गृह मंत्री ने कहा कि आरसीईपी की चर्चा कांग्रेस शुरु करके गई थी।
इसकी वजह से छोटे किसान, मछुवारे, छोटे कारोबारी, छोटे उद्योग ये सब तबाह हो जाते। मोदी जी ने छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों के हित में दृढ़ता से फैसला लेते हुए आरसीईपी समझौते से भारत को अलग कर लिया।
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जनता कर्फ्यू भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा
अमित शाह ने आगे कहा कि “जनता कर्फ्यू भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा कि देश के एक नेता की अपील पर कोई पुलिस बल प्रयोग किए बगैर पूरे देश ने घर के अंदर रहकर अपने नेता की अपील का सम्मान किया।” उन्होंने कहा कि चाहे उन्होंने थाली और घंटी बजाने को कहा, चाहे दीया जलाने को कहा, चाहे सेना के जवानों द्वारा आकाश से कोरोना वॉरियर्स पर फूल बरसाने की बात हो, ये सब मोदी जी की अपील ही थी।
130 करोड़ जनता मोदी जी के साथ कोरोना की लड़ाई में चट्टान की तरह खड़ी
उन्होंने कहा कि “कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक प्रोपेगेंडा कहा, मगर जो कह रहे हैं उनको ये मालूम नहीं है कि ये राजनीतिक प्रोपेगेंडा नहीं है बल्कि ये देश को एक बनाने की मुहिम है।” उन्होंने कहा कि देश की 130 करोड़ जनता मोदी जी के साथ कोरोना की लड़ाई में चट्टान की तरह खड़ी है।
देश की विकास की नींव में बिहार के व्यक्ति के पसीने की महक
उन्होंने कहा कि देश का कोई भी कोना हो, उसके विकास की नींव में बिहार के व्यक्ति के पसीने की महक है। जो लोग उन्हें अपमानित करते हैं वो प्रवासी मजदूरों के जज्बे को नहीं समझते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद नरेन्द्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि सभी जगह प्रवासी मजदूरों को सम्मान से रखा जाए और उनके लिए 11 हजार करोड़ रुपये राज्यों को दिए।
‘एक देश-एक राशन कार्ड’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अभी-अभी गत कैबिनेट में निर्णय लिया की ‘एक देश-एक राशन कार्ड’। बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा के मजदूर देश के कई हिस्सों में काम करते हैं। इससे अब श्रमिक भाई-बहन अपने हिस्से का राशन, देश में कहीं पर भी हों वहां से ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि करीब 1.25 करोड़ प्रवासी मजदूरों को हजारों ट्रेनों के माध्यम से उनके घरों तक पहुंचाया। उनके लिए भोजन की व्यवस्था की गई, पीने के पानी की व्यवस्था की गई। उनके गृह राज्यों में क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई।
बिहार को जंगल राज से जनता राज तक NDA सरकार ने पहुंचाया
उन्होंने कहा कि “मैं परिवारवादी लोगों को आज कहता हूं कि अपना चेहरा आईना मैं देख लीजिए, 1990-2005 इनके शासन में बिहार की विकास दर 3.19 प्रतिशत थी, आज नीतीश जी के नेतृत्व में ये 11.3 प्रतिशत तक विकास दर पहुंचाने का काम एनडीए की सरकार ने किया है। गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा की शक्ति संगठन है।” उन्होंने कहा कि “मैं भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि ये मोदी जी का आहृवान है कि जब तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई चल रही है तब तक ‘सेवा ही हमारा संगठन’ है, इस मंत्र के साथ हर जरूरतमंद की सेवा करें, जागरूक करें।”
उन्होंने कहा कि बिहार में हम लालटेन युग से LED युग तक आए हैं। लूट एंड ऑर्डर से लॉ एंड ऑर्डर तक की यात्रा हमने की है। जंगल राज से जनता राज तक हम आए हैं। बाहुबल से विकास बल तक आए हैं और चारा घोटाले से डीबीटी तक की यात्रा मोदी जी के नेतृत्व में सफलतापूर्वक तय की है।