बिहार में एनडीए की सरकार गिरने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने ‘ मिशन बिहार ‘शुरू कर दिया है, जिसका नेतृत्व खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर रहे है। शाह बिहार पर अपनी नजरे टिकाए बैठे है, क्योंकि लोकसभा चुनाव भी जल्द आने वाला है और उसके तुरंत बाद विधानसभा चुनाव होगा, जिस वजह से बीजेपी के पास काफी कम समय बचा है की वो जनता के बीच जाकर अपनी बात रख सके। इस बीच अमित शाह लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर 11 अक्टूबर को बिहार आ रहे हैं। उनके स्वागत की तैयारी शुरू हो गई है।
23 और 24 सितंबर को दो दिवसीय दौरे पर सीमांचल पहुंचे थे अमित शाह
हालांकि, महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अब बीजेपी ने ‘एकला चलो रे’ की निति अपना ली है। अब उसे बिहार में किसी के सहारे की जरुरत नहीं है। इस बात के संकेत अमित शाह ने अपने पिछले दौरे में दे दिया था। शाह बीते हफ्ते 23 और 24 सितंबर को दो दिवसीय दौरे पर सीमांचल पहुंचे थे, जहां वो नीतीश कुमार से लेकर तेजस्वी यादव पर खूब बरसे थे।
बीजेपी नेताओं ने शुरू की तैयारी
वही, अब अमित शाह फिर बिहार आ रहे है। उनका प्रोग्राम बन चुका है। अमित शाह लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर बिहार आ रहे है। उनके इस दौरे की तैयारी बीजेपी नेताओं ने शुरू कर दी है। इस बार भी उम्मीद है कि शाह जेडीयू और राजद पर हमला बोलने का एक मौका नहीं छोड़ने वाले है। इसके साथ ही अमित शाह 11 अक्टूबर को जय प्रकाश नारायण स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे। साथ ही वो जेपी की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे। बीजेपी शाह के इस दौरे के लिए काफी उत्साहित है।
तेजस्वी यादव ने शाह पर लगाया था आरोप
बता दें, पिछली बार जब अमित शाह बिहार आए थे तो तेजस्वी यादव ने कहा था कि वो माहौल बिगाड़ने आ रहे है, जिसके जवाब में अमित शाह ने जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि जरूरत होगी तो वह हर महीने बिहार का दौरा करने को तैयार है। उन्हें कोई रोक नहीं सकता है। पिछली बार शाह ने सीमांचल का दौरा किया था, जिसे राजद का गढ़ माना जाता है।