पटना: बीते दिन बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) के खिलाफ प्रस्ताव पारित हो गया, जिसके साथ पूरी तरह से स्पष्ट हो गया कि नीतीश सरकार राज्य में एनआरसी लागू नहीं करेगी। साथ ही नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर भी विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ। एनपीआर को 2010 के आधार पर कराने का प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें मात-पिता की डिटेल देना जरूरी नहीं होगा।
इस प्रस्ताव पर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता राबड़ी देवी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राजद सीएए, एनआरसी, एवं एनपीआर जैसे काले कानून को बिहार और देश में लागू नहीं होने देगी।
राबड़ी देवी ने आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने दल के साथियों एवं राजद के बहादुर कार्यकर्ताओं के साथ जिस मजबूती से इन मुद्दों पर सदन एवं सदन से बाहर सडक़ों पर संघर्ष किया और सरकार को मजबूर किया उसी के परिणाम स्वरूप बिहार सरकार को विधानसभ में एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित करना पड़ा।
साथ ही राबड़ी देवी ने एनपीआर पर कहा कि एनपीआर के फार्म में बिना कोई संशोधन किए 2010 के तर्ज पर 2020 में जनगणना कराने के लिए प्रस्ताव विधानसभा में पारित कराया जाना संविधान एवं देश की जनता की जीत हैं। राबड़ी ने आगे कहा कि राजद जनता के लिए समर्पित हैं और देश के किसी नागरिक के साथ अन्याय नहीं होने देगी। नेता प्रतिपक्ष ने इस लड़ाई को जिस मुस्तैदी और मजबूती से लड़ा वह सराहनीय है। साथ ही उन्होंने नीतीश सरकार द्वारा पेश किया गया राज्य का बजट2020-21 की आलोचना करते हुए बजट को पूरी तरह से दिशाहीन बताया और कहा कि इस बजट में किसी भी तरह की कोई दृष्टि नहीं दिखाई दे रही है।