बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आज कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के सदस्यों के जन वेदना मार्च के दौरान पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही महज ज्ञारह मिनट के बाद ही स्थगित कर दी गई।
सभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के विधायकों ने कल जनवेदना मार्च के दौरान पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव स्वीकार करने की मांग करने लगे। इस पर सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कार्य संचालन नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि प्रश्नकाल शुरू हो गया है इसलिए लाठीचार्ज के मुद्दे को उठाने का यह सही समय नहीं है।
इसके बाद कांग्रेस के साथ ही मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्य सदन के बीच में आ गए और इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने और सरकार के जवाब की मांग करने लगे। सभाध्यक्ष ने कहा कि उचित समय आने पर वह कार्यस्थगन प्रस्ताव पर निर्णय लेंगे।
इस बीच संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा कराने को तैयार है। यदि विपक्ष के सदस्य कार्यसंचालन नियमावली के तहत इस मुद्दे को उठाएंगे तो सरकार इस पर जवाब भी देगी। उन्होंने शोरगुल कर रहे सदस्यों से सीट पर बैठने का आग्रह भी किया।
इस पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार की त्रुटियों और गलतियों के बारे में बताना तथा उसका विरोध करना विपक्ष का कर्तव्य है। उन्होंने कहा, ‘‘सदन के बाहर विपक्षी दलों के सदस्यों पर पुलिस लाठियां बरसा रही है और सदन के अंदर सरकार उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दे रही है।’’
श्री यादव ने उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के ट््वीट, ‘अच्छी चीजे रात के अंधेरे में ही होती हैं’ का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में भी अच्छे काम रात के अंधेरे में ही होते हैं। इस पर सभाध्यक्ष श्री चौधरी ने कहा कि राज्य विधानसभा में महाराष्ट्र से जुड़ मुद्दे को उठाना उचित नहीं है।
श्री चौधरी ने शोरगुल कर रहे कांग्रेस और राजद के सदस्यों से बार-बार शांत रहने का आग्रह किया लेकिन जब वे नहीं माने तो उन्होंने सदन को अव्यवस्थित होता देख भोजनावकाश तक के लिए सभा की कार्यवाही स्थगित कर दी।