राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन के दरबार हॉल में डॉ॰ अरूण कुमार जायसवाल द्वारा लिखित पुस्तक ‘जीवन गीता -भगवद्गीता में ज्योतिष विज्ञान’ (खण्ड 1 व 2) का विमोचन किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भगवद्गीता का हमारे जीवन में अहम स्थान है। वर्तमान समय में विश्व अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है, जिनके समाधान के लिए गीता हमें राह दिखाती है।
संपादक श्रीमती लीना सिन्हा तथा अन्य लोग उपस्थित थे
राज्यपाल ने कहा कि गीता में भगवान श्रीकृष्ण कर्म का संदेश देते हैं। गीता के अनुसार हमें हताशा और दुर्बलता के साथ घर में नहीं बैठकर समस्याओं से डटकर मुकाबला करना है। भगवद्गीता हमें अमर्यादित आचरण, कुविचारों और बुराइयों के विरूद्ध खड़ा होने की प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि इस ग्रंथ को सिर्फ पढ़ने की ही नहीं, बल्कि जीने की भी आवश्यकता है। उइस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल॰ चोंग्थू, ‘जीवन गीता’ पुस्तक के लेखक डॉ॰ अरूण कुमार जायसवाल, इसकी संपादक श्रीमती लीना सिन्हा तथा अन्य लोग उपस्थित थे।