पटना जेपी चौधरी: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह आज गांधी मैदान में श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल पर सम्राट अशोक की जयंती समारोह में खचाखच भीड़ को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने के साथ विकास का रास्ता चुना है वह काबिलियत तारीफ है। नीतीश कुमार ने जो लकीर खींचा है पूरे देश में नीतीश कुमार को एजेंडा लागू करना चाहता है वहीं उन्होंने कहा कि 1931 के बाद जातीय जनगणना नहीं हुआ है बिहार विधान मंडल और कई बार प्रधानमंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया कि जातीय जनगणना करा लिया जाएगा बिहार बिहार के लोग जातीय जनगणना जनमानस सड़क पर ना जाए आगे श्री सिंह ने कहा कि सम्राट अशोक कुशल शासक थे उनकी शासक उतरी दक्षिण भारत तक फैला हुआ था दुनिया अखंड भारत बनाने की बात कही थी बाद में वह बौद्ध धर्म अपना लिए
सम्राट अशोक नेपाल में जाकर महात्मा बुध के जन्मस्थली पर अशोक स्तंभ स्थापना की जो भारत की प्रतीक है जनता दल यू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह विधान परिषद सदस्य उपेंद्र कुशवाहा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज अपने आप बड़ी पार्टी कहलाने वाले हम ही
अशोक सम्राट का जयंती मनाते थे आज दूसरा दल मना रहा यह गलत परंपरा नहीं होनी चाहिए नितीश कुमार के शासन आने के बाद 2016 से ही महाराजा अशोक सम्राट की जयंती छुट्टी का ऐलान किया गया था पहली बार पूरे देश में बिहार में ही अशोक सम्राट की जयंती पर अवकाश घोषित है हम लोग अशोक सम्राट के पद चरणों में चलने का प्रयास कर रहा हूं बहुत लोग धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है बहुत बड़ा साहित्यकार ने सम्राट अशोक पर टिप्पणी की थी अशोक सम्राट की तुलना औरंगजेब से की गई थी जिस पर सबसे पहला प्रतिक्रिया महात्माफुले के साथियों ने या साहित्यकार को विरोध किया और ऐसे व्यक्ति को जो पुरस्कार दिया गया जो वापस लेने की बात कही आज ऐसे लोगों पर सजा होनी चाहिए उन्होंने एक उदाहरण करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में पंचायती राज व्यवस्था में महिला को आरक्षण देकर मुखिय वार्ड सदस्य समिति जिला परिषद को आरक्षण देकर देने का काम किया श्री कुशवाहा ने कहा कि पिछले दिन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में आरक्षण देने की बात कही थी जिसमें एक आदमी कोर्ट में चला गया तो कोर्ट ने कहा कि आपके पास अति पिछड़ा पिछड़ों का का डाटा है मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में पंचायती व्यवस्था में ओवैसी और पिछड़ा का आरक्षण नहीं मिल सका इसलिए मैं पहले भी बोल रहा हूं जातीय जनगणना होना चाहिए आज के समय में जातीय जनगणना का मांग है अगर महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में जाति जनगणना हुआ रहता तो तो सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को हम लोग ओबीसी अति पिछड़ा का आंकड़ा नहीं मांगता 1931 के बाद जातीय जनगणना कहीं नहीं हुआ है बिहार विधान सभा और विधान परिषद में जाति जनगणना के लिए प्रस्ताव पास हुआ है 2018 में बीजेपी की सरकार ने कहा कि जातीय जनगणना की जाएगी मगर 2022 हो गया आज भी जाति जनगणना नहीं हो रहा ।
ब्राह्मणजाति आने वाले गरीबों को जज नहीं बनाया जाता है अपने लोगों को ही आज तक जज बनाया गया न्यायपालिका में जिसका पहुंच है वही जज बनता है इस पर बदलाव होना अगर जाति जनगणना भारत में नहीं हुआ तो आए दिन न्यायालय का सहारा लेकर अति पिछड़ा और पिछड़ा का आरक्षण मिलना मुश्किल है वही संभा को संबोधित करने वाले प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को बिहार सरकार के मंत्री जयंत राज हिमांशु पटेल धीरज कुमार सुभाष कुशवाहा वरिष्ठ नेता नवीन आर्य रविंदर सिंह माधव आनंद मदन सिंह संजय मेहता मनजीत सिंह पूर्व मंत्री मनोज कुशवाहा पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह दीपक कुमार कुशवाहा पूर्व मंत्री रामसेवक सिंह पूर्व मंत्री भगवान कुशवाहा केशरिया विधायक सालनी मिश्रा बिधान पार्षद रामेश्वर महतो बिधान पार्षद सीपी सिन्हा विधान पार्षद नीरज कुमार पूर्व सांसद राम कुमार शर्मा संजय मेहता रामदेव महतो, लेखक दीपक कुमार चंद्रिका सिंह दांगी और अशोक कुमार राम