बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम) के कारण 93 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मरने वाले बच्चों के परिजनों को 4 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने बीमारी से लड़ने के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट, डिस्टेंस एडमिशन और डॉक्टरों को भी निर्देश दिए हैं।
वहीं पटना पहुंचे केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन का जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनकी खिलाफ प्रदर्शन किया। और काले झंडे दिखाए गए। मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और एमओएस हेल्थ अश्विनी चौबे ने मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की।
श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 11 और केजरीवाल अस्पताल में 11 बच्चों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि सभी बच्चे हाइपोग्लाइसीमिया के शिकार हुए हैं, यह ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर बहुत घट जाता है और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित हो जाते हैं। इनमें से ज्यादातर बच्चों की उम्र 10 साल से कम थी।
वहीं मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती एक बच्चे के पिता ने कहा, यहां कोई व्यवस्था नहीं है, डॉक्टर उचित ध्यान नहीं दे रहे हैं। हर घंटे, अधिक बच्चे मर रहे हैं। आधी रात के बाद से, कोई डॉक्टर नहीं हैं, केवल कुछ नर्स ड्यूटी पर हैं।
मुजफ्फरपुर जिला प्रशआसन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक एसकेएमसीएच में शनिवार को चार बच्चों की मौत हो गई। एक जून से 197 बच्चों को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया जबकि केजरीवाल अस्पताल में 91 बच्चों को भर्ती कराया गया।
इन सभी को एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम के संदेह में भर्ती कराया गया था लेकिन ज्यादातर हाइपोग्लाइसीमिया के पीड़ित पाए गए। इन दोनों अस्पताल में इलाज करा रहे छह बच्चों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।