बिहार में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है, बावजूद इसके एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। एनडीए में चल रही इस तनातनी के बीच एलजेपी ने बड़ा फैसला लिया है। चिराग पासवान की अध्यक्षता में हुई संसदीय दल की बैठक में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने एनडीए से अलग होने का निर्णय ले लिया है।
सूत्रों के अनुसार, लोक जनशक्ति पार्टी ने रविवार को फैसला लिया है कि पार्टी एनडीए गठबंधन की ओर से नीतीश कुमार की अगुवाई में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। पार्टी ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी। हालांकि पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरी तरह से समर्थन किया है।
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जानकारी के मुताबिक एलजेपी को मुख्यमंत्री पद के नीतीश कुमार का चेहरा मंजूर नहीं है। चिराग पासवान की अध्यक्षता में हुई यह बैठक शनिवार को होने वाली थी, लेकिन लेकिन केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के अस्वस्थ होने के कारण बैठक को रविवार के लिए टाल दिया गया था।
सीट बंटवारे को लेकर एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ने पिछले महीने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं। एलजेपी के सूत्रों की मानें तो पार्टी को केवल 15 से 20 सीटों का ऑफर मिला है। लेकिन एलजेपी ने 42 सीटों की मांग रखी है।