बिहार में BPSC द्वारा शिक्षक नियुक्ति परीक्षा परिणाम जारी हो चुके हैं। जिसमें उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की काउंसलिंग के बाद अब नियुक्ति को लेकर तैयारी चल रही है। इस बीच, बिहार की जेडीयू सरकार शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण को लेकर 2 नवंबर को बड़े आयोजन की तैयारी में है।
2 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में होगा नियुक्ति पत्र वितरण समारोह
बिहार लोक सेवा आयोग(बीपीएससी) की लिखित परीक्षा के आधार पर चयनित सभी 1 लाख 20 हजार 336 विद्यालय शिक्षकों को 2 नवंबर को तदर्थ नियुक्ति पत्र मिलेंगे। जिला मुख्यालयों, प्रमंडलीय मुख्यालयों में भी ऐसे आयोजन होंगे, जिसमें तदर्थ नियुक्ति पत्र प्रदान किये जायेंगे। जिला में आयोजित कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री उपस्थित रहेंगे। सभी चयनित शिक्षकों में से 25 हजार विद्यालय शिक्षक उस दिन पटना के गांधी मैदान में होने वाले नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में शामिल होंगे। बताया जाता है कि चयनित शिक्षकों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एवं अन्य मंत्री तदर्थ नियुक्ति पत्र देंगे। जिला मुख्यालयों में होने वाले नियुक्ति पत्र वितरण समारोह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये गांधी मैदान में होने वाले समारोह से जुड़ेंगे।
सीएम नीतीश कुमार का संबोधन का होगा लाइव प्रसारण
वैसे, शिक्षक नियुक्ति को लेकर सियासत भी खूब हो रही है। अभ्यर्थी भी कई तरह के आरोप लगा रहे हैं। इसके बावजूद नियुक्ति पत्र वितरण को लेकर तैयारी की जा रही है। जिला और प्रमंडलीय मुख्यालय में सफल शिक्षक उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में भी गांधी मैदान में होने वाले कार्यक्रम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से लाइव स्क्रीनिंग रहेगी। सभी जगह पर सीएम नीतीश कुमार का संबोधन का लाइव प्रसारण होगा। सीएम नीतीश कुमार का संबोधन सभी सफल शिक्षक उम्मीदवार लाइव कार्यक्रम में देख सकें, इसको लेकर सभी प्रमंडलीय आयुक्त को पूर्व से व्यवस्था कर लेने का निर्देश दिया गया है।
बिहार के सरकारी स्कूलों में नव नियुक्त एक लाख से अधिक विद्यालय शिक्षकों को स्कूलों का आवंटन सॉफ्टवेयर के जरिये रेंडमली किया जायेगा। स्कूल चयन के संदर्भ में विद्यालय शिक्षकों से अपनी कोई च्वाइस नहीं मांगी गयी है।
शिक्षा विभाग स्कूलों की जरूरत के आधार पर शिक्षकों को नियुक्त करेगा। सॉफ्टवेयर में रिक्तियों वाले स्कूलों और नवनियुक्त किये जा रहे शिक्षकों की जानकारी अपलोड की जा रही है। बताया जाता है कि सबसे पहले दूरस्थ के स्कूलों में रिक्तियों के हिसाब से शिक्षक दिये जायेंगे, इसके बाद दूसरे स्कूलों में रिक्त स्थानों को भरा जायेगा।