बिहार में जाति आधारित जनगणना की शुरूआत जल्द प्रारंभ की जाएगी। जातीय जनगणना को लेकर बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने जातीय जनगणना को लेकर अपनी सहमति दे दी।
मुख्यमंत्री ने जनगणना को लेकर कहा…
सीएम सचिवालय स्थित संवाद में शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने वाले सभी दल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी दलों की सर्वसम्मति से यह निर्णय हो गया कि बिहार में जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए बड़े पैमाने पर और तेजी से काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को इस काम में लगाया जाएगा, उसे पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिसकी भी जरूरत होगी वह सब किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले को अब कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, उसके बाद काम प्रारंभ होगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इसके लिए एक समय सीमा भी तय की जाएगी जिसके अंदर इसका काम पूरा किया जा सके।
इस बैठक में तमाम नेताओं ने भाग लिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बैठक में विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने वाले दलों को आमंत्रित किया गया। उन्होंने कहा कि इस काम में पूरी तरह पारदर्शिता बरती जाएगी, जिसकी जानकारी विभिन्न माध्यमों से दी जाएगी।इस बैठक में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, मंत्री विजय कुमार चैधरी, राजद की ओर से तेजस्वी यादव, कांग्रेस की ओर से अजीत शर्मा सहित वामपंथी दल और एआईएमआईएम के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।उल्लेखनीय है कि जातीय जनगणना को लेकर बिहार की राजनीति पिछले कई महीने से गर्म है।सभी दलों की राय से ही राज्य सरकार ने एक जून को सर्वदलीय बैठक कराने का फैसला लिया है। उल्लेखनीय है कि जातीय जनगणना को लेकर राज्य का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से भी मुलाकात कर चुका है। केंद्र सरकार ने असमर्थता जताते हुए कहा था कि राज्य सरकार चाहे तो अपने स्तर से इसे करा सकती है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्य में सर्वदलीय बैठक कराने की घोषणा की थी।