मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर साध्वी पद्मावती का अनशन तुड़वाने का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री को भेजे अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा है कि गंगा की निर्मलता एवं अविरलता के मुद्दे पर आप सचेष्ट हैं और इस विषय पर आपकी प्रतिबद्धता भी है तथा लगातार आप इसके लिए प्रयत्नशील भी हैं।
मैंने भी विभिन्न अवसरों पर एवं पत्रों के द्वारा भी इस विषय पर अपने विचारों से आपको अवगत कराया है। आप सहमत होंगे की गंगा की निर्मलता एवं अविरलता के विषय पर विभिन्न विशेषज्ञ अपनी विषिष्ट राय रखते हैं। इस संदर्भ में मैं विशेष रुप से राज्य सरकार द्वारा आयोजित दो कार्यक्रमों का उल्लेख करना चाहूंगा।
महाराष्ट्र : राकांपा नेता नवाब मलिक बोले- मोदी सरकार ने पवार के दिल्ली स्थित आवास से सुरक्षा हटाई
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की राय से परिचित होने के उद्देश्य से दिनांक 25-26 फरवरी, 2017 को पटना में अविरल गंगा विषय पर एवं नई दिल्ली में दिनांक 18-19 मई, 2017 को ‘गंगा की अविरलता में बाधक गाद: समस्या एवं समाधान’ विषय पर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इन सम्मेलनों में जल प्रक्षेत्र के जाने माने विशेषज्ञों द्वारा भाग लिया गया।
इन दो दिवसीय सम्मेलनों में सर्वसम्मति से गंगा की समस्याओं के समाधान से संबंधित कुछ निर्णय लिए गए, जिन्हें क्रमश: पटना घोषणा पत्र एवं दिल्ली घोषणा पत्र के नाम से जाना जाता है। इन घोषणा पत्रों को आवश्यक कार्रवाई हेतु जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा गया।
वर्तमान में मुझे अवगत कराया गया है कि गंगा की अविरलता एवं निर्मलता के मुद्दे पर नालंदा की साध्वी पद्मावती द्वारा मातृ सदन आश्रम, हरिद्वार में 15 दिसंबर, 2019 से ही अनशन किया जा रहा है। लंबे समय से जारी अनशन के कारण उनका स्वास्थ्य बिगडऩे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है इसलिए अविलंब हस्तक्षेप कर अनशन समाप्त कराने की आवश्यकता है। अत: उपरोक्त परिस्थिति के आलोक में अनुरोध है कि साध्वी पद्मावती, मातृ सदन आश्रम, हरिद्वार द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सार्थक पहल कर उनका अनशन शीघ्र समाप्त कराने की कृपा की जाए।