बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि पड़ोसी देश नेपाल के तराई क्षेत्रों में मूसलाधार वर्षा के कारण प्रदेश में अचानक आयी बाढ़ से 25 लोगों की जान चली गई जबकि अबतक एक लाख से अधिक लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से निकाला जा चुका है।
हाल के दिनों में आयी बाढ़ को फ्लैश फ्लड की संज्ञा देते हुए नीतीश ने बिहार विधानसभा में कहा कि मंगलवार सुबह दस बजे तक बाढ़ से राज्य में 25 लोगों की मौत हो गई है।
उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजन को शीघ्र ही अनुग्रह राशि के भुगतान के निर्देश दिए गए हैं। बारह जिलों मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, सहरसा, सुपौल, दरभंगा, मुजफ्फरपुर कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और अररिया बाढ़ से प्रभावित हुए हैं ।
नीतीश ने कहा कि इन जिलों के बाढ़ से कुल 25.72 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। 125 मोटर बोट की मदद से 796 कर्मियों द्वारा बचाव कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 26 टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं और अब तक 1.25 लाख लोगों को बचा लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से विस्थापित होने वालों के लिए 199 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जहां वर्तमान में 1.16 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। उनके भोजन के लिए 676 सामुदायिक रसोई संचालित की गयी हैं ।
उन्होंने कहा कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों को पर्याप्त धन आवंटित किया गया है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिन लोगों की जान चली गई है उनके आश्रितों को मृत्यु के 24 घंटों के भीतर अनुग्रह राशि मिल जाए।
उन्होंने कहा कि उत्तर बिहार में आमतौर पर अगस्त या कभी-कभी सितंबर महीने में बाढ़ आती है पर इस बार यह प्राकृतिक आपदा एक महीने पहले आ गयी क्योंकि मुख्य रूप से पड़ोसी देश के तराई क्षेत्र में असामान्य रूप से भारी वर्षा हुई थी।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दिनों से नेपाल के तराई क्षेत्र में 280-300 मिमी के बीच की बारिश हुई है, जबकि इस अवधि के दौरान इस क्षेत्र में सामान्य रूप से 50 मिमी वर्षा होती है । इसके परिणामस्वरूप बिहार में कोसी, बागमती और महानंदा जैसी कई नदियां उफान पर हैं।