उन्होंने कहा, हमें अभी भी राज्य सरकार की एजेंसियों से हर संभव मदद की जरूरत है। केंद्र सरकार को हर बाढ़ पीड़ित को पर्याप्त मुआवजा देना चाहिए और राज्य सरकार की मदद करनी चाहिए। जिन किसानों की फसलें नष्ट हो गई हैं, उन्हें भी मुआवजा मिलना चाहिए। बिहार में बाढ़ की स्थिति की जड़ें कोसी और गंडक बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने में हैं, जिससे उत्तरी बिहार और नेपाल प्रभावित हुए हैं। सीतामढ़ी में बाढ़ 29 सितंबर को बेलसंड ब्लॉक में मंदार बांध के टूटने के बाद आई, जिससे क्षेत्र में गंभीर जलभराव हो गया। बिहार सरकार के जिला मजिस्ट्रेट ने कहा, हम लोगों की मांग के अनुसार उदार दृष्टिकोण अपना रहे हैं। यहां दो वरिष्ठ अधिकारियों को भी संचालन की निगरानी के लिए तैनात किया गया है।