बिहार में चोरी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमे चोर ने पुलिस की गाड़ी पर ही हाथ साफ कर दिया है। खास बात यह यही कि, पुलिस की गाड़ी चोरी करने का आरोप राज्य के पूर्व मंत्री रामाश्रय सहनी के बेटे पर लगा है। इस मामले के बारे जब पूर्व मंत्री से पूछा गया तो, उन्होंने कहा कि, ऐसे कुपुत्र को तो गोली मार देनी चाहिए। बता दें कि, राज्य के दानापुर क्षेत्र से एसटीएफ की एक टाटा सूमो कार 24 अप्रैल को चोरी हो गई थी जिसमे पूर्व मंत्री रामाश्रय साहनी के बेटे भी शामिल थे।
पुलिस ने पश्चिम बंगाल से बरामद की अपनी कार
दानापुर में एसटीएफ की गाड़ी चोरी होने के बाद पुरे बिहार पुलिस में खलबली मच गई थी। इसके बाद एसटीएफ ने गाड़ी को ढूंढ़ने के लिए अन्य राज्यों सहित नेपाल तक में अपनी पहुंच बढ़ाई थी, जिसके लिए कई टीमों को लगाया गया था। हालांकि चोरी होने के करीब पांच दिन बाद पुलिस को सूचना मिली की गाड़ी पश्चिम बंगाल के दालकोला क्षेत्र में है, जहां से उसे बरामद किया गया। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपी सुनील शर्मा और पूर्व मंत्री रामाश्रय साहनी के बेटे मुकेश साहनी को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने पश्चिम बंगाल से बरामद की अपनी कार
दानापुर में एसटीएफ की गाड़ी चोरी होने के बाद पुरे बिहार पुलिस में खलबली मच गई थी। इसके बाद एसटीएफ ने गाड़ी को ढूंढ़ने के लिए अन्य राज्यों सहित नेपाल तक में अपनी पहुंच बढ़ाई थी, जिसके लिए कई टीमों को लगाया गया था। हालांकि चोरी होने के करीब पांच दिन बाद पुलिस को सूचना मिली की गाड़ी पश्चिम बंगाल के दालकोला क्षेत्र में है, जहां से उसे बरामद किया गया। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपी सुनील शर्मा और पूर्व मंत्री रामाश्रय साहनी के बेटे मुकेश साहनी को गिरफ्तार किया है।
आरजेडी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकें हैं रामाश्रय साहनी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस घटना के बारे में पूर्व मंत्री रामाश्रय साहनी ने कहा कि, उनका बेटा पुत्र नहीं बल्कि कुपुत्र है उसे देखते ही गोली मार देनी चाहिए थी। रामाश्रय ने बताया कि, वह जननायक कर्पूरी ठाकुर के साथ काम कर चुके हैं। बता दें कि, रामाश्रय साहनी वर्ष 1995 से 2000 तक विधायक रह चुकें हैं। इसके अलावा वह आरजेडी की सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुकें हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस घटना के बारे में पूर्व मंत्री रामाश्रय साहनी ने कहा कि, उनका बेटा पुत्र नहीं बल्कि कुपुत्र है उसे देखते ही गोली मार देनी चाहिए थी। रामाश्रय ने बताया कि, वह जननायक कर्पूरी ठाकुर के साथ काम कर चुके हैं। बता दें कि, रामाश्रय साहनी वर्ष 1995 से 2000 तक विधायक रह चुकें हैं। इसके अलावा वह आरजेडी की सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुकें हैं।