भारत में मानसून का आगमन हो चुका है और कई राज्यों में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। इस भारी बारिश से लोगों को गर्मी से तो निजात मिला है पर कई राज्यों में जलभराव के साथ साथ अब बाढ़ का संकट भी मंडरा गया है। बिहार में भी लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित होने लगा है। साथ ही नेपाल में हो रही भारी बरसात से भी बिहार के कई हिस्सों को बाढ़ आने की संभावना जताई जा रही है।
नेपाल में भारी बारिश और गंडक नदी पर बने वाल्मीकिनगर बराज से चार लाख क्यूसेक से अधिक जलस्राव के बाद गंडक नदी उफान पर है, जिस कारण कई इलाकों में बाढ का खतरा उत्पन्न हो गया। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी लगातार हो रही बारिश के बाद समीक्षा बैठक कर कई निर्देश दिए हैं। नेपाल में हो रही भारी बारिश और वाल्मीकिनगर बराज से अधिक जलस्राव के बाद पूर्वी चंपारण, पष्चिमी चंपारण और गोपालगंज के कई गावों में बाढ के हालत उत्पन्न हो गए है तथा कई गांवों में बाढ का खतरा उत्पन्न हो गया है।
जल संसासधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को गंडक के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।वाल्मीकिनगर बराज में बुधवार को सुबह आठ बजे 3,72,800 क्यूसेक जलस्राव हो रहा था जबकि अपराह्न् दो बजे यह बढकर 1 लाख 12 हजार क्यूसेक पहुंच गया। अधिकारी के मुताबिक अभी जलस्तर बढने की संभावना बनी हुई है। इधर, गंडक नदी में उफान के बाद गोपालगंज जिला प्रशासन ने नाव के परिचालन पर रोक लगा दी गई है।
जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों को तटबंधों की निगरानी और बाढ़ से घिरे सारण तटबंध के निचले इलाके के लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाने के लिए निर्देश दिया है। इधर, बाढ़ का पानी गांवों में प्रवेश करने के बाद से लोगों का पलायन शुरू है। मवेशी और खाने-पीने के जरूरी सामान को लेकर ऊंचे स्थलों पर जाने को विवश हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नेपाल एवं गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के मद्देनजर उच्चस्तरीय बैठक की।
बैठक में मुख्यमंत्री ने भारी वर्षापात एवं संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुये आपदा प्रबंधन विभाग, जल संसाधन विभाग एवं सभी संबंधित जिलाधिकारियों को पूरी तरह अलर्ट में रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि तटबंधों के निकट रहने वाले लोगों के बीच माइकिंग के जरिये इसका विशेष रूप से प्रचार-प्रसार कराया जाए, जिससे निष्क्रमण की कार्रवाई त्वरित गति से हो सके।