बिहार की राजनीति में अभी होने वाले उपचुनाव को लेकर जबरदस्त चर्चा है। बिहार में 2 विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने हैं। उपचुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ अपने गतिरोध के बीच, कांग्रेस राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को अपने चुनाव चिह्न् पर चुनाव लड़वा सकती है।
कांग्रेस और पप्पू यादव की विचारधारा समान है
पप्पू यादव कोविड महामारी और तालाबंदी के दौरान आम लोगों की मदद करने के अपने प्रयासों के लिए सुर्खियों में रहे है।कांग्रेस विधायक प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस और पप्पू यादव की विचारधारा समान है और पार्टी के साथ उनके संबंध भी मधुर हैं।कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि पप्पू यादव को लालू प्रसाद के बाद बिहार का दूसरा सबसे बड़ा नेता माना जाता है। कांग्रेस उनके संपर्क में है। अगर पप्पू यादव चुनाव लड़ने का विचार व्यक्त करते हैं, तो हम उनहें तारापुर निर्वाचन क्षेत्र मुंगेर से टिकट देंगे।
कांग्रेस तारापुर और कुशेश्वर अस्थान दोनों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ने के लिए प्रतिबद्ध
हालांकि, राज्य कांग्रेस प्रमुख मदन मोहन झा ने कहा कि इस दिशा में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।उन्होंने कहा कि ये पार्टी के अलग-अलग नेताओं के विचार हो सकते हैं, लेकिन यह न तो मेरा विचार है और न ही हमारे शीर्ष नेतृत्व का विचार है। पार्टी तारापुर और कुशेश्वर अस्थान दोनों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
मदन मोहन झा ने बताया कि हमने इन दो निर्वाचन क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों को कुछ दिनों के लिए भेजा था और रिपोर्ट पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सौंपी है। अब तक, चार से पांच उम्मीदवारों ने इन दो सीटों से उपचुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। हमने इनके नाम नई दिल्ली भेजे है। वे उम्मीदवारों के चयन पर निर्णय लेंगे।
कांग्रेस के रुख के बाद राजद की संभावनाओं को किया जा सकता है प्रभावित
कांग्रेस के रुख के बाद, राजद की संभावनाओं को प्रभावित किया जा सकता है, जिसने घोषणा की है कि वह दोनों सीटों पर चुनाव लड़ेगी, क्योंकि वोटों के विभाजन की अच्छी संभावना है। इतना ही नहीं, पप्पू यादव फैक्टर भी महागठबंधन के वोटों का बंटवारा कर सकता है।एनडीए और जदयू इस बार एक है, दोनों उपचुनाव लड़ रही है और गठबंधन सहयोगी बीजेपी, एचएएम और वीआईपी इसका समर्थन कर रहे हैं।
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