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अपराध की घटनाओं से दहल रहा बिहार, मुख्यमंत्री मौन : तारकिशोर प्रसाद

पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि बिहार में हो रहे लगातार अपराधिक घटनाओं पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। जब-जब वे भाजपा के साथ रहे, विकासपुरुष की अपनी छवि गढ़ने में सफल रहें, मगर भाजपा से अलग होकर राजद जैसे अराजक दल के साथ जब भी गए न केवल बिहार का विकास बेपटरी हुआ, नीतीश कुमार की छवि भी ध्वस्त हुई

पटना : पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि बिहार में हो रहे लगातार अपराधिक घटनाओं पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। जब-जब वे भाजपा के साथ रहे, विकासपुरुष की अपनी छवि गढ़ने में सफल रहें, मगर भाजपा से अलग होकर राजद जैसे अराजक दल के साथ जब भी गए न केवल बिहार का विकास बेपटरी हुआ, नीतीश कुमार की छवि भी ध्वस्त हुई। करीब छह महीने से नीतीश कुमार भाजपा से नाता तोड़ कर राजद की वैशाखी से अपनी कुर्सी को बचाए जरूर है, मगर इस छोटी अवधि में ही बिहार एक बार फिर तेजी से ‘जंगलराज’ का आकार लेता जा रहा है।
श्री प्रसाद ने कहा कि पूरे बिहार में अपराधी कोहराम मचाए हुए हैं। राजद का बुनियादी चरित्र ही अपराधियों को संरक्षण देकर समाज को भयभीत रखना है। राजद के सत्ता का साक्षीदार बनते हुए अपराधी निर्भय और बेखौफ हो गए हैं। उस राजद के साथ सरकार चला कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुशासन और अपराधमुक्त बिहार की बात नहीं कर सकते हैं। केवल मुख्यमंत्री ही राजद के दबाव में नहीं है, बल्कि प्रशासन और पुलिस तंत्र भी सत्ता के हस्तक्षेप से हलकान है। इसी का नतीजा है कि किसी भी बड़ी और संज्ञेय आपराधिक घटनाओं में कार्रवाई करने से पुलिस पीछे हट जा रही है।
उन्होंने कहा कि बिहार में राजनीतिक ऊहापोह और अस्थिरता की भी स्थिति है। परिणामतः प्रशासन किंकर्त्तव्यमूढ और दिशाहीन है। राजनैतिक नेतृत्व के बीच जारी खींचतान की वजह से वरिष्ठ अधिकारियों की निष्ठाएं बंट गई है। छपरा, सीवान, फतुहा, कांटी, जेठुआ ,समस्तीपुर आदि की घटनाएं बता रही है कि सरकार का इकबाल खत्म हो चुका हैं। अपराधी दिन-दहाड़े अपराध की घटनाओं को अंजाम देने के बाद भी पुलिस की पकड़ से बच जा रहे हैं।
बिहार एक बार फिर तेजी से विकासहीनता और अराजकता के दौर में जा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री का कुर्सी प्रेम दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है।

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