देश भर में कोरोना के प्रकोप के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से लाखों प्रवासी मजदूर देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। हालांकि लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के प्रयासों के कारण अभी तक कई मजदूरों को उनके पैतृक राज्यों में पहुंचाया भी जा चुका है।
मुम्बई से बिहार लौटे 55 वर्षीय प्रवासी मजदूर की मौत हो गई। बतादें कि यह व्यक्ति दो दिन पहले ही अपने पैतृक राज्य पहुंचा था जिसके बाद उसकी तबियत खराब होने के कारण उसके नमूने जांच के लिए भेजे जाने से पहले ही मौत हो गई और मरणोपरांत व्यक्ति के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। जिसके बाद राज्य में कोरोना के संक्रमण से मरने वालों की संख्या आठ हो गई है।
प्रधान स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि प्रवासी श्रमिक मधुमेह की बीमारी से पीड़ित था, जिसकी मौत 15 मई की सुबह में हुई। श्वसन संबंधी समस्या के बाद उसे खगड़िया जिले के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां हृदय गति रूकने से उसकी मौत हो गई।
कुमार ने कहा, ‘‘उसकी मौत के तुरंत बाद उसकी और उसकी पत्नी के नमूने लिए गए और दोनों में शनिवार को संक्रमण की पुष्टि हुई। रिकॉर्ड में उसकी मौत बिहार में कोविड-19 से आठवीं मौत के रूप में हुई है।’’
व्यक्ति ‘श्रमिक स्पेशल’ रेलगाड़ी से 13 मई को मुंबई से अपनी पत्नी और पोते के साथ सहरसा लौटा था। इसके बाद वे बस से खगड़िया पहुंचे। बहरहाल, 55 वर्षीय व्यक्ति अगले दिन ही बीमार पड़ गया, जिसके बाद उसे पृथक-वास केंद्र से रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।