अपनी ही पार्टी में चुनौतियों का सामना कर रहे लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता चिराग पासवान का एक बार फिर दर्द झलका है। अपने ही चाचा की हाथों राजनीति से बेदखल हुए चिराग ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘हनुमान के राजनीतिक वध को राम खामोशी से नहीं देखेंगे’।
चिराग पासवान ने शनिवार को न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, मेरे परिवार के लोगों ने ही मेरी पार्टी को तोड़ने का काम किया है, फिलहाल मुझे अपनी पार्टी को शून्य से उस मुकाम पर लेकर जाना है जहां पापा पार्टी को हमेशा लेकर जाना चाहते थे।
पार्टी का नाम और चिन्ह किस के पास रहेगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा, हम लोगों का पक्ष इतना मजबूत है कि मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि पापा ने जो पार्टी अपने खून-पसीने से बनाई थी, उसका नाम और चिन्ह दोनों हमारे पास रहेंगे।
बीजेपी के हर नीतिगत फैसले का मैंने समर्थन और नीतीश ने किया विरोध
एलजेपी नेता ने कहा, मैंने शुरू से स्पष्ट किया कि मेरा गठबंधन बीजेपी के साथ हुआ और मैं आज तक बीजेपी के साथ खड़ा हूं। बीजेपी के हर नीतिगत फैसले का मैंने समर्थन किया जबकि नीतीश जी ने इनके हर फैसले का विरोध किया। अब ये फैसला बीजेपी को लेना है कि वो आने वाले समय में मेरा साथ देते हैं या नीतीश जी का।
चिराग पासवान ने एक बार फिर प्रधानमंत्री से उम्मीद जताते हुए कहा कि मैंने हनुमान की तरह प्रधानमंत्री जी का हर मुश्किल दौर में साथ दिया, आज जब हनुमान का राजनीतिक वध करने का प्रयास किया जा रहा है, मैं ये विश्वास करता हूं कि ऐसे में राम खामोशी से नहीं देखेंगे।
BJP की चुप्पी पर पहले सवाल उठा चुके हैं चिराग
चिराग पासवान इससे पहले भी बीजेपी की चुप्पी पर सवाल खड़े करते हुए कह चुके हैं कि बीजेपी के साथ उनके संबंध एकतरफा नहीं रह सकते हैं और यदि उन्हें घेरने का प्रयास जारी रहा तो वह अपने भविष्य के राजनीतिक कदमों को लेकर सभी संभावनाओं पर विचार करेंगे।
बता दें कि LJP के पांच सांसदों द्वारा पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद से पार्टी में पूरा घमासान शुरू हुआ। पशुपति पारस चिराग पासवान के चाचा हैं और इस गुट में चिराग पासवान के चचेरे भाई प्रिंस राज भी शामिल हैं।