बिहार की राजनीति में एक मोड़ देखने को मिला है जिसमें राज्य की मुख्य विपक्ष पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अब संगठन को पूर्ण रूप से विस्तार करने में लगी हुई हैं। बिहार में विकास की गति को तेज करने के लिए पार्टी के मुख्य अध्यक्ष लालू प्रसाद ने सदस्यता अभियान की औपचारिक तौर से शुरूआत की हैं। हालांकि इस अभियान की शुरूआत लालू ने राजनीति के कुछ पदाधिकारियों को सदस्यता दिलाकर इसकी शुरूआत की हैं।
सदस्यता अभियान की शुरूआत
हालांकि,सदस्यता अभियान की शुरूआत के बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि पार्टी को मजबूती देने के लिए सबको लगना होगा। उन्होंने बताया कि राजद बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है, इस कारण राज्य में अन्य पार्टियों से ज्यादा सदस्य भी होने चाहिए। उन्होंने कहा एक करोड़ से ज्यादा लोगों को सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है।लालू प्रसाद ने तेजस्वी को भी पार्टी की सदस्यता दिलाई।
सरकार के खिलाफ अभियान चलाएंगे
तेजस्वी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कि पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद ने पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरूआत की है।उन्होंने कहा कि हम बिहार की सबसे बड़ी पार्टी हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हमें वोट किया और जिन्होंने हमें वोट नहीं किया हम उन्हें अपना सदस्य बनाएंगे। सदस्यता अभियान के तहत हम मौजूदा सरकार से लोगों की नाराजगी के खिलाफ अभियान चलाएंगे।
शराबबंदी, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी एक विशाल मुद्दा
सूत्रों से पता चला है कि यादव ने स्पष्ट किया बिहार में शराबबंदी, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, युवा, किसान, लॉ एंड ऑर्डर की लचर व्यवस्था से नाराजगी है। भाजपा, जदयू के शासन काल में 15 साल की सरकार के बाद भी बिहार देश में सबसे फिसड्डी राज्य है। आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है।उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने की बात मुख्यमंत्री ने की थी, फिर चुप्पी साध ली।