बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को कहा कि 1995 में लालू प्रसाद के पक्ष में ‘बैलेट बॉक्स’ से निकलने वाला अतिपिछड़ों का ‘जिन्न’ उनकी प्रताड़ना से परेशान होकर 2005 के बाद पूरी तरह से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पाले में आ गया।
राजद-कांग्रेस के लोगों को 15 साल का मौका मिला तो अतिपिछड़ों को अपमानित व दलितों को नरसंहारों की भेंट चढ़ाने का काम किया। मोदी ने सवालिया लहजे में कहा, लालू यादव बताएं कि अपने 15 वर्षो के राज में अतिपिछड़ों, दलितों व महिलाओं को पंचायत चुनाव में आरक्षण क्यों नहीं दिया? एक ओर तो राजद-कांग्रेस ने 23 वर्षो तक पंचायत का चुनाव नहीं कराया, जब कराया तो इन वर्गो को आरक्षण से वंचित कर दिया।
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मोदी ने एक बयान जारी कर कहा कि जब 2005 में राजग की सरकार बनी तो पंचायत चुनाव में एकल पदों पर मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्षों व वार्ड सदस्यों के लिए अतिपिछड़ों को 20 फीसदी, दलितों को 17 और महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया गया।
यही कारण है कि आज इन वर्गो से हजारों जनप्रतिनिधि चुनकर आ रहे हैं। मोदी ने आगे कहा, इसी प्रकार नौकरियों में जो आरक्षण की व्यवस्था है, वह कर्पूरी ठाकुर जी की उस सरकार की देन है, जिसमें भाजपा भी शामिल थी।
मोदी ने कहा कि अति पिछड़ों की बेशुमार ताकत के बल पर ही लालू प्रसाद कभी ‘जिन्न’ निकालने का दावा करते नहीं थकते थे, मगर चुनावी जीत के बाद उन्हें कभी उनके मान-सम्मान की सुध नहीं रही। उन्होंने कहा, लालू-राबड़ी राज में एक ओर जहां दलितों को गाजर-मूली की तरह काटा गया, वहीं अति पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित किया गया। उस दौर की प्रताड़ना और अपमान को स्वाभिमानी अति पिछड़ा समाज कभी नहीं भूलेगा।