Man-Eating Tiger : 6 महीने के अंदर 9 लोगों की जान लेने वाला आदमखोर बाघ आखिरकार मार दिया गया है। पश्चिमी चंपारण जिले में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बाघ को वन अधिकारियों ने शनिवार दोपहर में शूट कर मौत के घाट उतार दिया। ये बाघ बीते 6 महीने के अंदर 9 लोगों को अपना निशाना बना चुका था।
आदमखोर बाघ का नाम टी-105 था, जिसकी उम्र लगभग तीन साल बताई गई है। शनिवार सुबह ही इसने गोवर्धन थाना इलाके के बलुआ गांव में मां-बेटे को मौत के घाट उतार दिया था। वन विभाग और पुलिस के मना करने के बाद भी दोनों सुबह घास काटने के लिए खेत में गए थे। एक दिन पहले ही नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) ने उसे गोली मारने के आदेश जारी किए थे।
नेपाल से बुलाए गए शूटर्स
बाघ को मारने के लिए शूटर्स और नेपाल से विशेषज्ञों की टीम भी बुलाई गई थी। बीते 27 दिन तक अलग-अलग जगहों पर रेस्क्यू अभियान भी चलाया गया था, लेकिन आदमखोर बाघ हर बार टीम को चकमा देकर निकल जा रहा था। लेकिन शनिवार को वन विभाग की टीम अपने ऑपरेशन में सफल हुई।
बाघ के हमलों के कारण लोगों में आक्रोश
बाघ को मारने के लिए तैनात टीम में बिहार वन विभाग के सीनियर अधिकारियों सहित दूसरे एक्सपर्ट शामिल थे। उनका कहना है कि बाघ किसी दूसरे बाघ के क्षेत्र में आ गया था, जिसके चलते वह वापस जंगल में नहीं जा पा रहा था। और गांवों के आस-पास घूमकर लोगों को अपना शिकार बना रहा था।
आदमखोर बाघ के लगातार बढ़ते हमलों के वजह से आक्रोश बढ़ने के कारण ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया था। लोगों ने वन क्षेत्र कार्यालय पर पथराव भी किया था। उन्होंने मांग की थी कि वन विभाग बाघ को पकड़े या फिर उसे मार गिराए, नहीं तो हमें बाघ को मारने की अनुमति दे दे।