बिहार की राजनीति एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता अमित शाह 23 और 24 सितंबर को सीमांचल में रहेंगे। शाह सीमांचल के पूर्णिया में 23 सितंबर को एक रैली को संबोधित करेंगे। मुस्लिम बहुल सीमांचल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा और महागठबंधन की लड़ाई का केंद्र बिंदु माना जा रहा है।
महागठबंधन करेगी महारैली
भाजपा की रैली का जवाब देने के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि अमित शाह की 23-24 सितंबर की रैली के बाद महागठबंधन द्वारा सीमांचल में महारैली का आयोजन किया जाएगा। सिंह ने कहा सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत बनाने के लिए इस महारैली का आयोजन किया जाएगा। सीमांचल मुस्लिम बहुल क्षेत्र है।
भाजपा को ध्रुवीकरण की उम्मीद
पिछले विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने इस क्षेत्र में 5 सीटों पर जीत हासिल ही थी। हालांकि इनमें से 4 विधायकों ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम लिया है। ऐसे में भाजपा आशान्वित है कि अगर इस इलाके में ध्रुवीकरण होता है तो पार्टी को बिहार के साथ पश्चिम बंगाल में भी लाभ मिलेगा।
बीते चुनाव में NDA का था दबदबा
सीमांचल की ज्यादातर सीटों पर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत एनडीए (NDA) का कब्जा रहा था। जिनमें कटिहार, पूर्णिया और अररिया में एनडीए ने जीत हासिल की थी, जबकि किशनगंज में कांग्रेस जीती थी। एक अनुमान के मुताबिक किशनगंज में 70, कटिहार में 40, अररिया में 45 और पूर्णिया 30 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं।